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पश्चिमी भारत की यात्रा
गच्छे के गच्छे वहां मौजूद थे जो बकाइन-सदृश दिखाई पड़ते थे । झरने का किनारा बादाम की सी सुगन्ध वाले कनेर के वृक्षों से ढंका हुअा था और उसी के तट पर एरण्ड और सरपत बहुतायत से लहलहा रहे थे। इसी प्रकार के और भी सुन्दर-सुन्दर पौधे थे जो चमेली और जम्बोलिया जैसे तो नहीं, परन्तु थे देखने योग्य; इन में से एक तो 'सुगन्धिकुसुमा' से बहुत मिलता-जुलता था। फलों में यत्रतत्र उगे हुए पाडू-बादाम के अतिरिक्त अंजीर (गूलर नहीं, जिसके फल टहनियों के न लग कर डंठल पर लगते हैं), शरीफा, खतूम, रायगुण्डा, जिसको ल्हेसवा भी कहते हैं और जिसका फल लसदार व सुपारी के बराबर होता है, और टैण्डू अथवा कोविदार के फल हैं, जो यहाँ पर प्रचुरता से मिलते हैं। ये तथा और भी बहुत से पदार्थ, जो वनस्पति-शास्त्रज्ञ एवं प्रारिण-विज्ञानवेत्ता के लिए आकर्षण के विषय हैं, हमारे देखने में आए। इस सुमधुर पुष्पसमूह से निकला हुआ शहद बरबान' अथवा नरबॉन' द्वीप के शहद से कहीं बढ़ कर है जिनमें से पूर्व-स्थान का मधु मैंने झरने के मुहाने पर चखा था और बाद वाला तो द्वीप से आया हुआ बिलकुल ताजा ही था। ___मेरी पूछताछ और स्थानीय चिर-पिपासु मित्रों की जिज्ञासा के लिए आज का दिन बहुत छोटा निकला; इन मित्रों के साथ होने से यहाँ को सुन्दर दृश्यावली की रोचकता बहुत बढ़ गई थी। ज्यों ही रात होने लगी मैंने उन सब को घर जाने के लिए विदा किया और यह आश्वासन दिया कि मैं उनके विषय में रारणा को लिखंगा क्योंकि उन्होंने यह शिकायत की थी कि (सम्बन्धित) मन्त्री उनकी सदा की स्वामिभक्ति और उत्साह को जानते हुए भी वसूली के लिए शहने भेज देता था यद्यपि नया साल लगते ही इसकी मनाही हो चुकी थी।
' Hyacinth-Eng. and Sanskrit Dictionary, 1851-M. Williams. २ बनस्पति-शास्त्री प्राडू को 'उगाया हुमा' बादाम खयाल करते हैं; यह धारणा इस
संयुक्त-पद से बनी मालूम होती है। ३ फ्रांस के मध्य में विशी (Vishy) के समीप । इसी स्थान के एक परिवार में से फ्रांस __ की गद्दी पर राजा बैठा करते थे।
[N.S.E.; p. 179] ४ फ्रांस के दक्षिण में एक द्वीप। ५ मेरे पास अब भी थोड़ा सा अरावली का शहद मौजूद है जिसमें प्रब १० वर्ष बाद भी
इसकी मौलिक सुगन्ध ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसका कारण शायद यह है कि इसमें कोई संस्कार नहीं किया गया है अथवा इसे प्रांच नहीं दिखाई गई है। यह छाते से केले के पत्ते बिछी हुई टोकरियों में टपकाया गया था और फिर बोतलों में भर कर मजबूत डाट लगा दी गई थी। मैं अपने साथ २० बोतलें इङ्गलण्ड लाया था और उन्हें अपने मित्रों में बांट दी थीं । सभी ने यह स्वीकार किया कि यह शहद यूरोप के शहद की सभी किस्मों से बढ़िया है। इस शहद में दो किस्में थी; पहाड़ी के ऊपर की धरातल पर लिये हुए शहद में रंग नहीं था परन्तु नीचे प्राकर ग्राम की कुंजों से लिया हुआ शहब कुछ भूरा-सा रंग लिए हुए था। लगान उगाहने वाला प्यादा।
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