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पश्चिमी भारत की यात्रा
प्रकरण-११
अहिलवाड़ा के भग्नावशेष; उनका द्रुतगति से गायब होनाः; स्थापत्य के. केवल चार नमूने, सारसेनिक मेहराब के नमूने ; इनका प्राविष्कार; हिन्दू-अणहिल. वाड़ा के अवशेषों का अहमदाबाद और आधुनिक पाटण के निर्माण में उपयोग; नए नगर में प्राचीनताएं; शिलालेखों और प्रन्थभण्डार की मुसलमानों से रक्षा; जनों की खरतर-शाखा की सम्पत्ति, ग्रन्थभण्डार के ग्रन्थ और विस्तार; जैनों के अन्य ग्रन्थभण्डार; जिनकी अभी खोज नहीं हुई; वंशराज-चरित्र ।
२३६-२४६
प्रकरण-१२
___ यात्रा चालू; अहमदाबाद; यहाँ का स्थापत्य ; पहिलवाड़ा के अवशेषों का उपयोग; हिन्दू-शिल्पियों की कला; हिन्दू और इसलामी शंलियों की तुलना; खेड़ा; वर्षा ऋतु में यात्रा की कठिनाइयो; मॉनरेबुल कल स्टेन होप; खेड़ा की प्राचीन वस्तुएं; मही नदी का संकटमय मार्ग; एक सईस डूब गया; बड़ौदा; रेजीडेन्ट मिस्टर विलि. यम्स के यहाँ डेरा; बड़ौदा का इतिहास ।
२५०-२६०
प्रकरण--१३
बड़ोदा से प्रस्थान ; गजना; हूण लोग; खम्भात; इसके प्राचीन नाम; वर्तमान नाम की गाथा; जैन-शास्त्रों का केन्द्र खम्भात; ग्रन्थ-भण्डार; नगीनों प्रादि का निर्माण, खाड़ी को पार करना; गोगो, (घोघो); शिलालेख; सौराष्ट्र का प्राचीन एवं वर्तमान इतिहास; सौर जाति का उद्गम; सीरियनों पोरं सौरों के रीति-रिवाजों में समानता; सोरों का प्रायद्वीप में बसना, आधुनिक सौराष्ट्र: सोथिक जातियों के चिहन ; सौराष्ट्र की विभिन्न जातियों; बौद्धमत का केन्द्र; देश के कतिपय पाकर्षण; गोगो और सीरम का वृत्तान्त; पूर्व पुर्तगालियों का दुष्ट पाचरण; अलबुकर्क का उपाख्यान; गोहिलों की राजधानी, भावनगर; राजा द्वारा स्वागत; रंगबिरंगा दरबार; अंग्रेज राजाओं की तसवीरें; छुट-पुट चीजें किरकिरीखाना; गोहिलराजा की जलसेना; उसके प्रधिकृत स्थान; गोहिल वंश का विवरण; समुद्री लूट, मुख्य व्यवसाय; ब्राह्मण-बस्ती, सीहोर; मेवाड़ के राजानों की प्राचीन राजधानी, वलभी; भीमनाथ का प्राचीन मन्दिर और तालाब; उपाख्यान ; तीर्थ स्थल ।
२६१-२८८
प्रकरण-१४
पालीताना, जैनों का तीर्थस्थान ; शत्रुञ्जय पर्वत; जैन यात्री; जैन-मत की उदारता भौर बौद्धिकता; माहात्म्य ; जनों के पाँच तीर्थ; शत्र जय के शिखर पर्वत ur निर्मित भवनों के अधिष्ठाता महापुरुष, मक्का के मन्दिर की हिन्दू शैली; शजय
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