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विषयानुक्रम सनी [चित्रासणी], पाल्हनपुर जिले का दीवान; पाल्हनपुर की पुरातन वस्तुएं; मेजरमाइल्स; सिधपुर का शिवमन्दिर; रुद्रमाला के ध्वंसावशेष; शिलालेख ।
१२७-१४४
प्रकरण-८
पश्चिमी भारत की प्राचीन राजधानी, नहरवाला; लेखक द्वारा उसकी स्थिति की गवेषणा प्राचीन भारत के विषय में ग्रीक भूगोल-शास्त्रियों की अपेक्षा अरब-भूगोलवेत्तामों की लघुता; नहरवाला अथवा अपहिलवाड़ा की स्थितिविषयक भूलें; गॉसलिन की भूल और हेरोडोटस की संभावित शुद्धता; भारत के 'टायर', अणहिलवाड़ा का पूर्व इतिहास; बल्हरा पद की उत्पत्ति; सूर्य-पूजा; बलभी नगर के अवशेष, बलभी से अपहिलवाड़ा में राजधानी का परिवर्तन; कुमारपालचरित्र अथवा मणहिल. वाड़ा का इतिहास; इसके उद्धरण; समकालिक घटनाएं; इस बात के प्रमाण कि भारत में ऐतिहासिक कृतियाँ प्रज्ञात नहीं थीं; पणहिलपुर की स्थापनाविषयक अनुश्रुति ; भारत की तत्कालीन क्रान्ति ; नगर की प्राकस्मिक ऐश्वर्यवृद्धि; राजाओं की नामावली; बल्हरा सिक्के; नवीं शताब्दी में मुसलमान यात्रियों के सम्बन्ध ।
१४५-१७१
प्रकरण-६
प्रणहिलवाड़ा का इतिहास (चालू); कल्याण के सोलंकी राजा; अहिलपाड़ा के राजवंश में परिवर्तन; समकालिक घटनाएं; कल्याण का महत्त्व; मुसलमान लेखकों का भ्रम; अपहिलवाड़ा के राजामों का क्रम (चालू); सिद्धराज, चालुक्यों की गद्दी पर चौहान राजा का उत्तराधिकार; बल्हरों के राज्यान्तर्गत प्रदेश; कुमार. पाल के कार्य; अणहिलवाड़ा के विस्तार और वैभव के सम्बन्ध में 'चरित्र' . द्वारा सम्पुष्टि; लाट देश; बौद्ध धर्म का समर्थक कुमारपाल; उसके द्वारा स्वधर्म-त्याग और इसलाम-धर्म का ग्रहण; अजयपाल ।
१७२-२०४
प्रकरण-१०
मणहिलवाड़ा को इतिहास (चालू); भीमदेव; उसका चरित्र; प्रणहिलवाड़ा और अजमेर के युद्ध का कारण; भीम और दिल्लीपति पृथ्वीराज का युद्ध; भीमदेव का बध; पृथ्वीराज द्वारा गुजरात विजय; शिलालेख; मूलदेव; वीसलदेव; भीमदेव पहिलवाड़ा का वैभव; अर्जुनदेव; सारङ्गदेव; कर्णदेव गैला (विक्षिप्त); मुसलमानों का प्राक्रमण; बल्हरा सत्ता का प्रस्त; टाक जाति द्वारा गुजरात प्राप्ति और राजधानी का परिवर्तन; अणहिलवाड़ा नाम का पाटण में पर्यवसान; ऐतिहासिक पभिलेखों का मूल्य; परिणामों का सिंहावलोकन ।
२०५-२३५
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