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पश्चिमी भारत की यात्रा
मीरणों के गाँव;
प्रादान-प्रदान; वीर गांव; मीरणों के झगड़ों का उपाख्यान; चौखटे पर तेज गर्मी के विभिन्न प्रभाव; बही ग्राम; देवड़ा राजपूतों की राजधानी, सिरोही; शिव मन्दिर; चौहानों के इण्डो-गेटिक रीति-रिवाज; सिरोही राज्य की दशा; लेखक के प्रयत्नों से इसका मारवाड़ राज्य की अधीनता से उद्घार इस प्रयत्न के लाभप्रद परिणाम; भारतीय राजानों के प्रति बरतने योग्य नीति; बृटिश भारत में कानून के संग्रह-ग्रन्थ का प्रभाव; सिरोही का भूगोल; पूर्व यात्रियों द्वारा राजपूतों का विवरण; राव से मुलाकात ; राजधानी का वर्णन देवड़ों का पूर्व इतिहास |
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प्रकरण --५
मेरिया ; जैन मन्दिर; पालड़ी; प्राबू के किनारे चढ़ाई की तैयारियों; गणेशमन्दिर; राहती या पहाड़ी लोग; पहाड़ की तलहटी को भौगोलिक बनावट; सन्तशिखर पर चढ़ाई; चोटी पर से विहंगावलोकन दाता भृगु और रामानंद को पादुका यो चरण चिह्नन; वनवासिनी सीता; गुहा गृह; विशाल दृश्य; उतराई; प्रचलेश्वर; पाशविक प्रधोरी; अघोरी द्वारा समाधि-ग्रहण; हिन्दू-विश्वासों में असंगतियाँ; जैन स्थापत्य के नियम; अग्निकुण्ड; मन्दिर; अचलेश्वर प्रासाद का वर्णन; अहमदादाबाद के महमूद बेगड़ा द्वारा देवस्थानों की लूट; नारायण की मूर्ति; शिलालेख ; राव मान की छतरी; आदिपाल की मूर्ति; प्रचलगढ़ के खण्डहर; जैन मन्दिर; घण्टाघर से दृश्यावलोकन; मूर्तियाँ; राव से भेट ; देलवाड़ा की यात्रा ।
प्रकरण -- ६
प्रकरण ७
५०-७३
देलवाड़ा ; वृषभदेव का मन्दिर; इसका प्राचीन इतिहास; मन्दिर के उत्सव ; शिलालेख ; पार्श्वनाथ का मन्दिर; वास्तुकला और विवरण; इन विशाल स्थलों के विषय में विचार; बाबू के कुटीर; फल भोर वनस्पति ; अर्बुदा माता का मन्दिर; गुफाएँ; तालाब; अन्तिम उतराई का खतरा; गोमुख; वसिष्ठ का मन्दिर; मुनिपूजन, शिलालेख ; धार परमार की छतरी; पातालेश्वर का मन्दिर; मूर्तियां; विचारविमर्श: प्राबू की ऊँचाई; लेखक के बॅरामीटर की खराबी; मिट्टी की किस्म; जंगल का रास्ता; बरौ का प्राक्रमण; श्राबू की परिधि प्राबू प्रोर सिमाई के प्राकृतिक दृश्यों में भिन्नता; लेखक के स्वास्थ्य पर चढ़ाई का प्रभाव ।
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गिरवर; चन्द्रावती; स्मारकों की दुर्दशा, लेखक द्वारा खोज; शिलालेख, चन्द्रावती की युगध्वस्त नगरी का वर्णन; वापिकाएं; सिक्के; श्रीमती ब्लेयर का रोजनामचा ; यात्रा फिर चालू; पुरानी सड़कों का त्याग; में
पूर्व यूरोपीय यात्रियों के समय
घुमन्तू
जातियों के चरित्र; पर्वतश्रेणी: सरोतरा; मैदान में पुनरागमन; चीरा
१०३ - १२६
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