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श्री गौतम रास
दोहा गुण गाऊं गौतम तणा, लब्धितणां भण्डार । बड़ा शिष्य भगवन्तना, जाने सहु संसार । प्रति बुभया प्रभु जी कने, गणधर गौतम स्वाम । संजम पाली सिद्ध हुआ, लीजे नितप्रति नाम ।।
ढाल
तीरथनाथ त्रिभुवन धणी,
प्रभु शासणना सिरदार । भक्ति कियां भगवन्त नी,
जाके वांछित फल दातार । सुम- होय सकल सुखकार जी,
नित बरते जय जयकार जी । प्रभु पहुंच्या मुक्ति मंझार जी,
प्रभु थाप्या तीरथ-चार जी । चारों संघ मांहि सिरदार जी,
गौतम नाम बड़ा गणधार जी। जाने होज्यो म्हारो नमस्कार जी,
हिवडा बीच बार हजार जी। श्री गौतम स्वामी में गुण घणा.......
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