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अमर क्षणिकाएँ
- उपाध्याय अमरमुनि
एक जाति हो, एक राष्ट्र हो,
एक धर्म हो धरती पर । मानवता की 'अमर' ज्योति,
सब ओर जगे, जन-जन घर-घर ।।
प्रस्तोता : एन. सुगालचन्द सिंघवी
प्रकाशक : सुगाल एण्ड दामाणी 11, पोनप्पा लेन, ट्रिप्लीकेन, चेन्नई - 5.
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