SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८ / सत्य दर्शन कि वह चोर नहीं है और आपका ही भेजा हुआ कोई अधिकारी है। चोर अपने आपको चोर थोड़े ही कह सकता है।" । राजा सोचने लगा-“वह तो बड़ा हजरत निकला ! वास्तव में वह चोर ही था, साहूकार नहीं था। लेकिन साधारण चोर में इतनी हिम्मत नहीं हो सकती, इतना बल नहीं हो सकता। जान पड़ता है-उसे सत्य का बल प्राप्त है। वह किसी महापुरुष के चरणों में पहुँचा हुआ जान पड़ता है। वह चोर तो है ; परन्तु उसकी पगडंडी बदलने के लिए सचाई का जादू उस पर कर दिया गया है ! उसने सभी कुछ सत्य ही तो कहा था।" ___ मन्त्री ने कहा-"कुछ भी हो, चोर का पता तो लगना ही चाहिए, अन्यथा खजाने में मक्खियाँ भिनकेंगी।" बस ढिंढोरा पिटवा दिया गया-"जिसने रात्रि में, खजाने में चोरी की हो, वह राजा के दरबार में हाजिर हो जाय ।" लोगों ने ढिंढोरा सुना तो बतियाने लगे-“राजा पागल तो नहीं हो गया है ? कहीं इस तरह भी चोर पकड़े गए हैं ? चोर राज-दरबार में स्वयं आकर कैसे कहेगा कि मैंने खजाने में चोरी की है ! वाह री बुद्धिमत्ता ! " मगर ढिंढोरा पिटता रहा और पिटता-पिटता चोर के दरवाजे पर पहुंचा। ढिंढोरा सुनकर चोर मन ही मन सोचने लगा-“मेरे सत्य को एक और चुनौती मिल रही है ! सत्य की अजेय और अमोघ शक्ति को मैं परख चुका हूँ, अब उससे हटने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मैंने रात्रि में अपना जो स्पष्ट रूप रखा है, वही अब भी रखूगा और सत्य के लिए अपने जीवन की बाजी लगा दूंगा।" चोर सत्य से प्रेरित होकर सिपाहियों से कहता-"चोरी मैंने की है।" सिपाही उसे राजा के पास ले गए। राजा ने मंत्री से कहा-"रात वाला चोर यही तो है।" इसके बाद राजा ने पूछा-"क्या तुमने चोरी की है ?" चोर-जी हाँ, यह तो मैं पहले ही बतला चुका हूँ। राजा-ठीक, क्या-क्या चुराया है तुमने ? चोर-इस प्रश्न का उत्तर भी मैंने रात्रि में ही दे दिया था। मैंने खजाने में से जवाहरात के दो डिब्बे चुराए हैं । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003425
Book TitleSatya Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Vijaymuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy