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________________ हैं, वह क्रोधी होता है, वह ईर्ष्यालु होता है, उसका जीवन धर्म-शून्य होता है, वह दया रहित होता है और उसके मन में सदा बैर-विरोध की दुर्भावना रहती है । नील लेश्या अलसो मन्द-बुद्धिश्च, स्त्री-लब्धः परवञ्चकः । कातरश्च सदा मानी, नील लेश्याऽधिको नरः ॥ नील लेश्या वाला जीव आलसी, मन्द बुद्धि वाला, कामुक, मायावी, डरपोक और अभिमानी होता है । कापोत लेश्या शोकाकुलः सदा रुष्टः, पर निंदात्मशंसकः । संग्रामे प्रार्थते मृत्यु, कापोतलेश्याऽधिकोनरः ॥ कापोत लेश्या वाला जीव शोक से व्याकुल रहता है, सदा क्रोध में भरा रहता है । पर-निन्दा और स्व-प्रशंसा किया करता है और संग्राम में जाकर कायर बन जाता है, मृत्यु चाहता रहता है । तेजो लेश्या विद्यावान् करुणा-युक्तः, कार्यांऽकार्यविचारकः । लाभाऽलाभे सदा प्रीतः, तेजोलेश्याऽधिको नर ॥ तेजोलेश्या वाला जीव विद्या प्रेमी होता है, करुणाशील होता है, कर्त्तव्य और कर्त्तव्य में विवेक रखता है और लाभ तथा अलाभ में सदा प्रसन्न रहता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003421
Book TitlePacchis Bol
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1996
Total Pages102
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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