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ठकुर-फेरू-विरचित चउकूणा चउभद्दा सव्वे पासाय होति नियमेण । कूणस्सुभयदिसेहिं दलाई जा होंति' भद्दाइं ॥ ६ पडिरह १ बोलिंजरया २ नंदी ३ सुकमेण ति पण सत्त दला। पल्लवियं करणिकं अवस्स भद्दस्स दुण्ह दिसे ॥ ७ ॥ दो भाय कूणओ हुँइ कमेण पाऊण जा भवे नंदी। पायं०।, एग १, दुसर्ल्ड २॥, पल्लवियं करणियं भदं ॥ ८ भद्दद्धं दस भायं तस्साओ मूल नासियं एगं । पउणाति तिय सवातिय २॥) ३३) दैलेहिं सुकमेण नायव्वं ॥ ९ कूणं पडिरह य रहं भदं मुहभद्द मूलअंगाई। नंदी करणिक पल्लव तिलय तवंगाइ भूसणयं ॥ १०
॥ इति विस्तरं ॥ खुर१ कुंभर कलस३ कइवलि४ मच्ची५ जंघा य६ छजि७ उरजंघा ८ ।
भरणि ९ सिरवट्टि १० छज्जय ११ वइराडु १२ पहारु १३ तेर थरां॥११ | १३ ॥ १॥ | इग तिय दिवड तिहुँढे
__ पण सड्डा इग दु दिवढु दिवढो य ।
दो दिवढु दिवढु भाया १॥ १॥ २ | १॥| पणवीसं तेर थरमाणं ॥ १२
| १॥ | पासायस्स पमाणं गणिज्ज सहभित्ति कुंभगथराओ । तस्स य दस भागाओ दो दो भित्तीहि रस ६ गब्भे ॥ १३ इग दु ति चउ पण हत्थे पासाइ खुराउ जा पहारथरो। नव सत्त पण ति एगं अंगुलजुत्तं कमेणुयं ॥ १४ इच्चाइ ख-बाणते ५० पडिहत्थे चउदसंगुल विहीणा। इय उदयमाण भणियं अओ य उद्रं भवे सिहरं ॥ १५ .
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1 पडिहोंति १ दुन्नि। २ दो भाय हवइ कूणो। ३ करणिकं। ४ कमेण एयपि पडिरहाईसु। ५तिसुकमि। ६ पहारू। .
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