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________________ [ ५६ ] विषय पृष्ठाङ्क उनका 'जगमन्दिर' स्थान पर मिलने का निश्चय, राणा का जगमन्दिर की ओर प्रस्थान एवं जगमन्दिर निवास का वर्णन । २७-२९ ६. प्रोहित का जग-मन्दिर की ओर गमन एवं राणा के साथ विवाद, राणा का कुपित होना, प्रोहित को राणा को 'बंध' पकड़ने की चेतावनी, 'बाड़ी' में प्रोहित की अपने साथियों से मंत्रणा, शिवलाल द्वारा सिवाणी' के राव बहादुर का शौर्य-वर्णन, प्रोहित द्वारा राव बहादुर को अपनी सहायतार्थ बुलावा भेजना, राव बहादुर का अपने सुभटों सहित उदयपुर पहुंचना। ३०-३२ १. राव बहादुर एवं प्रोहित का मिलाप, हीरां द्वारा तीज के मेले में वीरू-घाट पर मिलने का सन्देश-प्रेषण, प्रोहित एवं राव बहादुर का अपने सुभटों के साथ वीरू घाट पर पहुंचना तथा वहां से मेवाड़ी वीरों को मार कर हीरा को उठा कर पीछोल के पार जाना, हीरां के बन्ध की सूचना पाकर राणा का ऋद्ध होना। ११ राणा के वीरों के साथ प्रोहित एवं उसके सुभटों का युद्ध, राव बहादुर युद्ध महम्मदयार खां का गीत, प्रोहित-युद्ध, चांदस्यंघ वाले पोता का गीत, प्रोहितजी का गीत, प्रोहित का अपने साथियों सहित युद्ध जीत कर अपने देश निघाई' ग्राम पहुंचना, विजयोपलक्ष में राव बहादुर को गोठ देना तथा सिवाणी के लिये उसे विदा देना। १२ बगसीरांम-हीरां का विलास-वर्णन, वर्षा-शीत-वसन्तऋतु-वर्णन, हीरां का अपने देवर अभैराम तथा प्रेमी प्रोहित के साथ रंग-फाग खेलना, हीरां को महल में बुलाने निमित्त प्रोहित का सन्देश केशरी द्वारा प्राप्त होना। ४१-४४ १३ प्रोहित को केसरी द्वारा हीरा का निषेधात्मक उत्तर प्राप्त होना, मनाने पर भी हीरां की नाराजगी से क्रुद्ध प्रोहित का हीरां से वैमनस्य, केसरी द्वारा दोनों का बीच-बचाव, प्रोहित-हीरां का रस-विलास, वात का उपसंहार। ४५-५० २. रीसालूरी वारता १. श्रीपुर के अधिपति सालवाहन के पुत्र राजा समस्त का वर्णन । २. सबर की शिकार के लिये राजा समस्त का वन-गमन एवं उसे वहाँ पर श्रीगोरखनाथ का दर्शनलाभ। ३. श्रीगोरखनाथ के आशीर्वाद से रीसालूनामक पुत्र की उत्पत्ति, रीसाल का ११ वर्षपर्यन्त गुप्त स्थान में धाय द्वारा संरक्षण, राजा भोज तथा मान की राजकुमारियों के साथ रीसालू का खांडा-विवाह एवं राजकुमारियों का अपने-अपने पीहर वापस जाना। ५७-६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003392
Book TitleRajasthani Sahitya Sangraha 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshminarayan Dixit
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1966
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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