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________________ [ २१ ] स्त्री या पुरुष का चरित्र संस्कारों से ही बनता और बिगड़ता है। बात की ऊपरी घटनाओं को देखने से तो नारी-जाति के प्रति अविश्वास का भाव जगता है परन्तु उनकी गहराई में जाकर विचार करने से कथाकार का उद्देश्य यही मालूम देता है कि परिस्थितियों की छाप मनुष्य के मनोभाव पर पड़े बिना नहीं रहती। सामाजिक परिस्थितियां व मान्यतायें राजकुमारी का पानी भरने सखियों के साथ तालाब पर जाना, स्वयं खाना आदि पकाना, जल-क्रीड़ा करने सहेलियों के साथ जाना आदि कथा में वरिणत है। इससे पता चलता है कि आभिजात्य-वर्ग के लोगों का सीधा सम्पर्क जनता से था। ___ जूमा आदि खेलना और उसमें अपने प्राणों की बाजी लगा देना तथा उसके दुष्परिणामों के कारण दुःखद घटनाओं का होना भी महाभारत-काल की तरह उस समय में भी मौजूद था। जैसा कि प्रायः राजस्थानी लोक कथाओं में मिलता है । पशु-पक्षियों को इन्सान की तरह पढ़ा लिखा कर चतुर बताया गया है। हरिण व सुग्गे-सुग्गी राजा रिसाल के विश्वासपात्र मित्र की तरह उसका काम करते हैं और उसकी अनुपस्थिति में उसके महलों की निगरानी भी रखते हैं। मौका पाने पर स्वामिभक्त नौकर को तरह प्राणों का मोह छोड़ कर अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं। अनेक प्रकार के अवतारों व उनकी सिद्धियों आदि से नायक को अचानक सहायता मिल जाने के कारण कथा में अप्रत्याशित परिवर्तन आ गये हैं। गोरखनाथ की सिद्धि तथा लघु-लाघवी विद्या के बल पर ही रिसाल बड़ी से बड़ी कठिनाइयों में से पार होता हुआ आगे बढ़ता है और अन्त में महादेवजी की कृपा से वह बहुत बड़ी फौज का मालिक भी बन जाता है। ____ कई घटनाओं को घटित कराने के लिये ज्योतिष का भी सहारा ले लिया गया है। ___ ये सभी तत्व तत्कालीन समाज की मान्यताओं और रूढ़ियों को हमें अवगत कराते हैं। वर्णन एवं शैली कथा में स्थान-स्थान पर नारी-सौन्दर्य के अतिरिक्त सुन्दर प्रकृति-वर्णन भी किया गया है। प्रकृति-वर्णन प्रायः पारम्पर्य रूप से ही हुआ है। परन्तु उससे वातावरण की सुन्दर सृष्टि अवश्य हो गई है। यहां वर्षा का वर्णन उल्लेखनीय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003392
Book TitleRajasthani Sahitya Sangraha 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshminarayan Dixit
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1966
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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