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रामान राउतरो पात-पणाव सुहितो, उणि भांतिरा कररता सूळांरो निकुल कीजे छ. साथ प्रारोग छै. गोठिवर रस माई छ. अरोगि ने चळू की छं ऊपरा कपूर, पान, बीड़ा, सोपारी, केसरि, ताम, लौंग, डोडा, काथा, चूना, सजुगम, मुखवास, मुहछण दीजै छ. सु कितरो एक साथ तो गिड़ भागा मेघरो नांई झांख मारियां कबूतर सा लोचनां धूमि नै रहिना छ, सु कितरा एक तौ राजान उछक छाक छकतां बकता थड़ता घूमता पड़ता घोड़ा पाया छै. घोड़ा पाइ हाजर हुमा छ ।
तठा उपरांति करिने राजांन सिलामति प्रतरा मांहे बधाईदार द्रोडिया छ. पागल महलांरां वरणाव हुई नं रहिमा छ. सु कहै छै. ममणी पाखांणरा महल सात खरणां प्रामास चुणिमा थका, माळिमा, गोख, झरोखा, जाळी, बमळा, कपबड़ी, प्रसमानस लागि रही छै. प्रो जाळिमां चिगां ढलि नै रहो छ. कोडी चूनां कलारो छोह बंध प्रारीसौ झळकं तिरण भांतिरी लागे छ, प्रारीसंरा महल वरिण ने रहिमा छ. धमलहरै कोरणो वरणी छ. कछपाचमी नै होंगल तबाकां ऊपर सोनेरी कळस ईगं झळकि ने रहिया छ. सांझ समै रंग रंगरा बावळ दीस छै. तिण भांतिराः महल प्रायोफेरे लागि नै रहिमा छ. केसरी कुम कुमें महल टावी छ. गुलाबरा छिड़काव हवै छै. खस खान गुलाब छटावीज छ. अगर उखेवी छ ।
तठा उपरांति करि नै राजांन सिलामति जिके रायजादी राज कुमार छ. त्यारी खवास्यां देहीरी पारासि करै छै. घणां अगर. अरगजा, सूधारो पीठी ऊगट मंजणां कीजै छै. जळ गुलाबसूचिहुर टपकिग्रा छै. किरण भांतिरा. जांण मखतूलस मोतिप्रांरी लड तूटी अंगोछा धूपणां की छ. खावास्यां फूल दे दे नै चोटी गूथे छै. पूलमांसू पाटा घूटी घूटी पाड़े छ ।
तठा उपरांति करि नै राजांन सिलामति नख सिख सधो सिणगार वखाणीजै छ. वासिगां सारीखी पहपवेण ऊपरि सीसपूल मोतिमारोवणाव वरिण नै रहिनो छ. पूनिमचंद सो मुख सोळे कला संपूरण विराजिनो छ.तिलक बीच बिंदी झिख नै रही छ.कारण ज्यां बांकी भ्राहां भमर विलसी विराज नै रहिमा छ. निघ नैणां त्रिखा भळकां ज्यो जळवालियां टोए प्रणिपालोका जळ ठांसियो छ सूपासी नासिका बीच बेसर वणी, उजले पाणी नरमदा मोती प्रोया सू लटकि नै रहिमा छ, बिचे लाल मणी झलक ने रही छै. वसंत कोकिला सारीखी मधुरी वाणी बोले. कनां जारण पड़दं वीण वाजै छै. दाडिम कूली सा दांतां मांही सोनारी मेखां चमक नै रही छै. लाल प्रवालीसा अधरा रंगि लागि ने रहिनो छ पाकै अंब भोर चीटला ज्यौं हिड़की ऊपर चिबुक बरिण न रही छ. प्रारीसा सारीखा कपोलां जारणं सोनारा तबक विराजिमा छ. केसरिमा भलिकावलि काळा नाग ज्यौं चिटुला ज्यौं चिलक नै रही छ. चंदर थपेड़ा 'ज्यौं काने कुडल झखि नै रही है.
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