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________________ २६ राजान राउतरो वात-वरणाव विराजमान दीसै छै. पांच कोट पट किया छै. राजथान नंदीगिर सिवपुरी मंडोवर अजमेर जाळिधर सारीखा पाइतख तवरणीज छ. गदाल सहर गढ कोट बाजार पौळि पगार वाग वावड़ी वगीचा कूमा सरवरांरी वड़ा पींपळारो छिबि सहररी पाखती विराजि नै रही छै. पाखती अरटारी झींगड़ि चींगरड़ि पाड़ नै रही छै. ढहारौ खटाको लागिनै रहिौ छै. पाखती नीळ वझि नै रही छ । तठां उपरांति करि नै राजान सिलामति गढ कोट चौफेर कांगुरा लागा थका विराजै छै. जाणे प्राकास लोक गिलपन दांत दिया छै. ऊंचो निजरि करि जोइजै तो माथारौ मुगट खड़हडे. तिण कोटरी खाही ऊडी द्रह नागद्रही सारीखी. जळ छैल पाताळरो जड़ासूलागि नै रही छै. तिण गढ माहे वावड़ी कूमा तळाव जळ बहळ धान घ्रित तेल लग खड़ इधरण अमल कपड़ो घणो अपार संचौ किमी छ. कोट भुरजारा कोसीस ने धमळहर धमळागिर पहाड़ ज्यौं वादळांरा कीरण सारीखा ऊजळा सीकोट सौं निजरि आवै छै. नगररा घर कोट बराबरि ऊंचा विराजि नै रहिना छ । तठा उपरांति करि नै राजान सिलामति नगर मांहे ऊंचा देव सिव जैनरा देहरा मढ विराजि नै रहिया छं. ताहरा डंड-कळस धजा पताखा पासमानसूवातां करै छ, देहरा मांहे कथा कीरतन नाठक पड़िन रहिया छै. धूप-दीप को छ. पारती उतारीज छ. केसरि-चंदण चरचीजै छै. अगरउ खेबीजै छ. पंच सबदा वाजि रहिया छै. झालरियां झणकार हुइ नै रहिया छ। तठा उपरांति करि नै राजान सिलामति देवळांरी पाखती धरमसाळा दानसाळा मंडीजै छै. माहे जोगेसर पवनरा साझणहार त्रिकुटीरा चडावरणहार धूम्र पानरा करणहार उरधबाहू ठाढेसरी दिगंबर सेतंबर निरंजनी प्राकास-मुनी। दूही ब्राह्मण सेतंबर वळे , जोगी जंगम जाणि । दान सन्यासी सोफिया, खट दरसरण वाखाणि ।। गोदड़ कानफाड़ जोगी जंगम सोफी संन्यासो अविधूत पंचागनिरा झूलणहार अलमसत फकीर जिके संसारन भागा थका फिरै. जड़भरत प्रतीत सम-रसरा छाकिया राम-रस प्यालेरा पीप्रणहार दया-धरमरा पाळणहार करम-जाळरा भोड़ाहार तापस प्रस्टांग जोगरा साझणहार सांत-रस मांहे गळताण होइ नै रहिया छै। तठा उपरांत करि राजान सलामति तिण सहर माहे च्यार वरण, च्यार आश्रम. अढारै वरण, खट दरसण, परम-ग्यान-पुरायण धरम धरमरा पाळणहार दया-धरमग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003390
Book TitleRajasthani Sahitya Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1997
Total Pages88
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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