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लासमाया वितात्राचदिप्रिंसमेर्विकदलीफल प्रदान
वायवा
नाशा सर्व सुरवीराव
थारमदा
स्वधावविश्वविध
रामदा
लातित्रतत्र महापा
सारणादा भूपूर्ण
सनाय स्वस्ति
गया जह द्य निघण लिखायच
विज्ञप्तित्रिवेणि की हस्तलिखित प्रति का अंतिम पत्र ।
राध्याय यदाषा प्रय (मामिति॥ ॐ ठ
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