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________________ [ ३८ ] टॉड साहब ने 'सूरजप्रकास' के ही आधार पर इकतीस लाख रुपये दिये जाने का उल्लेख किया है।' यहां पर यह विचार करना है कि कवि का ३१ लाख रुपये दिये जाने का कथन वास्तविक है या अतिशयोक्तिपूर्ण । ग्रंथ में कवि ने पहले गुजरात के सूबेदार हमीद खां के विद्रोही होने का उल्लेख किया है। बादशाह मुहम्मदशाह ने सर बुलन्द खां को गुजरात का सूबेदार नियुक्त किया और पचास हजार शाही सेना के साथ उसे हमीदखां के विरुद्ध भेना । उस समय उसे सेना के व्यय-स्वरूप एक करोड़ रुपये दिये जाने का हुक्म हुग्रा, यथा वाका सुरिण असपती, कहर कोपियो भयंकर । विदा कीध सिरविलंद, दूठ समसेर बहादर । दीध कीड़ हिक दरब, दीघ पच्चास सहंस दळ । सुजड़ खाग सिरपाव, 'मुसक' असि दीध मदग्गळ ॥ सू प्र. भाग २, पृ. २३८,२३६ इतिहासवेत्ताओं के अनुसार भी सर बुलन्द को शाही सेना के साथ एक करोड़ रुपये दिये जाने का हुक्म मिलता है । अतः सर बुलन्द को हमीद खां के विरुद्ध सेना के व्ययस्वरूप एक करोड़ रुपये का कवि का कथन अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं है । जब यह बात ठीक है तो सर बुलन्द के गुजरात में विद्रोही हो जाने पर महाराजा अभयसिंह को उसके विरुद्ध सेना के व्यय-स्वरूप इकतीस लाख रुपये दिये जाने का कथन अतिशयोक्तिपूर्ण कैसे हो सकता है । अतः इस दृष्टि से कवि का कथन ठीक प्रतीत होता है । (आ) इविन; लेटर मुगल्स, पृष्ठ २०५। (इ) डॉ. गौरीशंकर हीराचंद अोझा द्वारा लिखित राजपूताने का इतिहास, भाग २, पृष्ठ ६१२। (६) पं० विश्वेश्वरनाथ रेऊ द्वारा लिखित मारवाड़ का इतिहास, भाग १, पृष्ठ ३३६ । (3) जोधपुर की ख्यात के अनुसार १५ लाख रुपये सेना के व्यय स्वरूप मिले । १ टॉड राजस्थान, अनुवादित, पं० बलदेवप्रसाद मिश्र, मुरादाबाद, भाग २, पृष्ठ १७६ । । २ (अ) Orient Longman : History of Gujrat (Commassariat). (आ) इविन : लेटर मुगल्स, पृष्ठ १८५-१८५ । (इ) टॉड राजस्थान, अनुवादित, पं० बलदेवप्रसाद मिश्र, मुरादाबाद, भाग २, पृष्ठ १७३ । 3 पं० गौरीशंकर हीराचंद प्रोझा द्वारा लिखित राजपूताने का इतिहास, भाग २, पृष्ठ ६१२ का प्रथम फुटनोट जिसमें 'सूरजप्रकास' के कथन को अतिशयोक्तिपूर्ण बताया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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