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*राउस्मान पुरातन नाममाला ।
प्रधान सम्पादक - पद्मश्री जिनविजय मुनि, पुरातत्त्वाचार्य
[सम्पान्य सञ्चालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठाम, जोधपुर]
ग्रन्थाङ्क ६७
कविया करणीदानजी चारण कृत
सूरजप्रकास
भाग ३
सध्यानाकयविधातीटर
EGOR.
BUDD69
प्रकाशक
राजस्थान राज्य संस्थापित राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान
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