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________________ ४६ ] सूरजप्रकास कहि हस्त - चिह्न बांणिक' प्रकार । २ सति सांम दुरग विध' वचन सार । मणिबंध तीन मणि जब प्रमाणि । ६ मछ कच्छ कुंभ गज रथ मंडांणि ॥ ४६ असि खड़ग सकति तोरण उदार । अंकुसां संख चक्र सुभ अपार । परचंड दंड हर गदा पाणि" । बिहुवै' प्रकार" वणि धनक बांणि १ 9 ॥ ५० ३ ख. ग. विधि | १ ख. ग. वांणिक । २ ख. ग. साम । ग. प्रमांण । ६ ख. कछ । ग. कल्छ । ७ ख. ग. मंडांण । ग. बिहु । १० ग. आकार । ११ ख. वाण । ग. बांण । Jain Education International ४ ख. मणिबंध | ८ख. ग. पांण । - ४६. चिहन - चिन्ह । सति ( ? ) । सांम - ( ? ) । दुरग होने वाला सामुद्रिक चिन्ह । मणिबंध - कलाई । मणि - ( कारका वह सामुद्रिक चिन्ह जो मणिबंधके उभरे हुए भाग पर होता है। मछ - मत्स्यके श्राकारका हाथमें होने वाला एक प्रकारका सामुद्रिक चिन्ह जो शुभ माना जाता हैं । कच्छ - कच्छप के श्राकारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह । कुंभ - कलशके हस्तिके ग्राकारका हाथकी कारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह विशेष । गज हथेली के उभरे भाग पर होने वाला सामुद्रिक चिन्ह | मूल के पास होने वाला सामुद्रिक चिन्ह विशेष | रथ - कनिष्ठिका उँगुली के ५०. श्रसि - अश्व (घोड़े ) श्राकारका हथेली के उभरे भाग पर होने वाला शुभ सामुद्रिक चिन्ह विशेष | खड़ग - मध्यमा अँगुलीके मूल स्थानसे कुछ प्रगाड़ी हाथकी हथेली में होने वाला खड्गाकार सामुद्रिक चिन्ह । सकति शक्ति नामक शस्त्र के श्राकारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह विशेष । तोरण - वंदनवारके श्राकारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह विशेष । अंकुस - अंकुशके आकारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह | संख - हाथकी उंगली के ऊपरके पोरमें होने वाला शंखके प्राकारका सामुद्रिक चिन्ह विशेष | मतान्तरसे पैर के तलवे में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह विशेष । चक्र - हाथकी मध्यमा अँगुलीके मूल स्थानका समीपवर्ती चक्र के श्राकारका सामुद्रिक चिन्ह विशेष मतान्तरसे हाथोंकी उँगुलीके पोर पर होने वाला चक्र आकारका चिन्ह विशेष । परचंड - प्रचंड, प्रबल दंड- हथेलीके मणिबंधकी ओरके उभरे हुए भाग पर होने वाला दण्डाकार सामुद्रिक चिन्ह विशेष । हर गदा - हरि गदा, विष्णुकी गदाके आकारका हथेली में होने वाला सामुद्रिक चिन्ह | पांणि हाथ । बिहुंबे - दोनों । प्रकार - श्राकार । धनक- हथेली में होने वाला धनुषाकार सामुद्रिक चिन्ह विशेष | बाण - तीरके आकारका हथेलीमें होने वाला सामुद्रिक चिन्ह | - - For Private & Personal Use Only ५ ख. ६ ख. - एक प्रकारका हथेली में ? ) । जव - • यवके www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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