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[पृ० २३ का फूट नोट] . इसी प्रकार मध्यम ग्राम में, षड्ज, ऋषभ और गान्धार से हीन तीन ताने मानी गई हैं। इस प्रकार से सब मूर्च्छनाओं में की जाने वाली ये (पाडव) तानें उनचास होती हैं २, जो इस प्रकार हैं-- उत्तर मन्द्रा
२३. ग म ४ ध नी सरे १.४ रे ग म प ध नि
२४. ग म प ध x स रे २. स x ग म प ध नि
अभिरुद्गता३. स रे ग म x ध नि
२५. रे ग म प ध नी x ४. स रे ग म प ध x
२६. x ग म प ध नी स रजनी
२७. रे ग म x ध नी स ५. नी x रे ग म प ध
२८. रे ग म प ध ४ स ६. नी सा x ग म प ध
सौवीरी (मध्यम ग्राम)७. नी सा रे ग म x ध
२६. म प ध नी x रे ग ८. x सा रे ग म प ध
३०. म प ध नी स x ग उत्तरायता
३१. म प ध नी स रे x ६. ध नी x रे ग म प
हारिणाश्वा। १०. ध नी स x ग म प
३२. ग म प ध नी x रे. ११. ध नी स रे ग म x
३३. ग म प ध नी स x १२. घ x स रे ग म प
३४. x म प ध नी स रे शुद्ध षड्जा
कलोपनता१३. प ध नी x रे ग म
३५. रे ग म प ध नी x १४. प ध नी सा x ग म
३६. x ग म प ध नी स १५. x ध नी सा रे ग म
३७. रे x म प ध नी स १६. प ध x सा रे ग म
शुद्धमध्यामत्सरी कृता
३८. x रे ग म प ध नि १७. म प ध नीx रे ग
३६. स ग म प ध नि १८. म प ध नी सा x ग
४०. स रे x म प ध नि १६. म ४ घ नी सा रे ग २०. म प ध x सा रे ग
४१. नी x रे ग म प ध प्रश्वक्रान्ता
४२. नी सा x म म प ध २१. म म प ध नी.x रे । ४३. नी सा रे x म प ध २२. ग म प ध नी स x
[शेष टिप्पणी पृ० २५ पर]
मार्गी
२ मध्यम ग्रामे तु षड्जर्षभ गान्धार हीकास्त्रयस्नानाः। एवमेते सर्वासु मूच्र्छनासु क्रियमाणा भवन्त्येकोन पंचाशत्तानाः।
भरत०, बंबई संस्करण, अध्याय २६, पृ० ४२६
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