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________________ सूरजप्रकास [ १७६ મ ज्वाब ज्वाबके ऊपर सबज हमरंग वर मतंगे धरै । सुनही' गुलजार कस्मीरके कांम । सबजी असमसिंघ मीनेके विरांम। ऐसे ठांम ठांमके विछायतके ऊपर सोहै । * सो कैसे, मनमथ बालके - खिलौने मनमथके मन मोहै" । * तिस गिलमूंके ऊपर रंग ६ १४ सो कैसे, रूपकी भोम" पर अनंगका .१६ १७ १८ .1 E देखे " ते " १ वेल" बूंदूंका विसतार " । गुलजार । जिस प्रवासकी सीढ़ियूंके ऊपर रंगदार सबजू पसमीन पायंदाज राजै । सो कैसे जिसकी सोभाके नीलघन सघनके वद्दल लाजै । जरकसी आफताबके सूरत के समियांने ४ जड़ाऊ * * खंभूंपर खड़े किये । किरमजी रेसम के तणाव दिये । जोतिके वीचते सुरख डोरि कैसी खुली । R 3 २५ ह ७ ग. वालके । ४ ख. ग. से। १ . ग सुनहरी । २ ख. कस्मीरके । ग. कास्मीरके ! ३ ख. मीनके । ग. मीनकै । ५ ख. ग. ऊपरि । ६. संवै । ग. सह । ७ ग. कैसे । ग. पिलने । ८ ख. * ग. प्रति में यह पंक्ति निम्न प्रकार है 'सो कैसे मनमथ वालके खिलौने माहाराजूंके मनमथके दिल मोहैं । १० ख. ग. दिल । ११ ग. मोहें । १२ ख गिल्मूकं । १३ ग. बेल । १४ ग. विस्तार | १५ ख भोमि । ग. भोंमि । १६ ख. ग. सीढ़ीयू के । १७ ख. यह शब्द ख. प्रतिमें नहीं है । १८ ख. ग. सबज । १९ ख. ग. सोभाकूं । २० ख. ग. देव । २१ ग. तें । २२ ख. ग. श्राफसाफको । २३ ख. सूरतिके । २४ ख समियाने । ग. समियांने । २५ ख. जड़ाऊं । २६ ख. ग. कीये । २८ ख. ग. दीये । २६ ख. ग. वीचिर्म । २७ ग. तनाव Jain Education International १२ १६६. ज्याब ज्वाब - जगह-जगह, जा-बजा, उपयुक्त स्थान पर हमरंग - समान रंग वाले । मतंगे -बिछायतको उड़ने से रोकने के लिए भारी मीरफर्श ( ? )। सुनही स्वरिणम । गुलजार - उपवन, वाटिका । श्रसमसंघ - ( ? ) । ठांम ठांमके - स्थान-स्थान के । मनमथ बालके खिलौने - कामदेव के बच्चेके खिलौने, वे मीरफर्श इतने सुन्दर थे मानों कामदेव के बच्चे के मनोहर खिलौने हों । भोम भूमि । श्रनंगका - - कामदेवका । प्रवास - भवन । सीढ़ियू के - जीनेके । सबजू - हरे रंगका, हरा पसमीन - बढ़िया मुलायम उनका पश्मीन पायंदाज - पैर पोंछनेका बिछावन, फर्शके किनारे पर रखा हुआ वह कपड़ा जिस पर पैर पौंछ कर फर्श पर जाते हैं। राजे - शोभायमान होते हैं । सोभाके - कांतिके, दीप्तिके । बद्दल - बादल, मेघ । जरकसी कलाबतूका काम। आफताब के सूर्यकी रोशनी से बचनेके लिए एक प्रकारका छोटा शामियाना या छत्ता जिस पर जरी कलाबत्का काम हुआ रहता है वह आफताबी कहलाता है । समियांने शामियाने, तंबू | जड़ाऊ जटित । खंभूंपर - खंभोंपर, स्तंभोपर 1 किरमजी - किमिज के रंगका, लाल । तणाव - वे रस्सिएं जो तंबू खड़ा करते समय टियों की जाती हैं । कट 1 ગ 1 For Private & Personal Use Only - www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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