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भगवतीअङ्गसूत्रं (२) १३/-/-/५६३ धुपपातार्थः षष्ठः ६, “भास'त्ति भाषार्थः सप्तमः ७ 'कम्म'त्ति कर्मप्रकृतिप्ररूपणार्थोऽष्टमः ८, 'अनगारे केयाघडिय'तिअनगारो भावितात्मा लब्भिसामर्थ्यात ‘केयाघडिय'त्ति रज्जुबद्धघटिकाहस्तः सन् विहायसि व्रजेदित्याद्यर्थःप्रतिपादनार्थो नवमः ९, ‘समुग्घाए'त्ति समुद्घातप्रतिपादनार्थो दशम इति।
-शतकं-१३ उद्देशकः-१:मू. (५६४) रायगिहे जाव एवं वयासी-कतिणंभंते! पुढवीओ पन्नत्ताओ?, गोयमा! सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-रयणप्पभाजाव अहेसत्तमा।
इमीसेणंभंते! रयणप्पभाए पढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सापण्णता?,गोयमा तीसं निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता, ते णं भंते! किं संखेजवित्थडा असंखेजवित्थडा?, गोयमा संखेजवित्थडावि असंखेजवित्थडावि।
इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवतिया नेरइया उववजंति १? केवतिया काउलेस्सा उववजंति २? केवइया कण्हपक्खिया उववजंति ३? केवतिया सुक्कपक्खिया उववजंति ४? केवतिया सन्नी उववजंति ५? केवतिया असन्नी उववजंति ६? केवतिया भवसिद्धया उव०७? केवतिया अभवसिद्धीया उवव०८? केवतिया आभिनिबोहियनाणी उव०९?.. _ -केवइया सुयनाणी उव० १०? केवइया ओहिनाणी उवव ११? केवइया मइअन्नाण उवव० १२? केवइया सुयअन्नाणी उव०१३? केवइया विब्भंगनाणी उवव०१४? केवइया चक्खुदंसणी उवव० १५? केवइयाअचक्खुदंसणी उवव०१६? केवइयाओहिदसणी उवव० १७? केवइया आहारसनोवउत्ता उवव० १८? केवइया भयसन्नोवउत्ता उव० १९।
-केवइया मेहुणसन्नोवउत्ता उवव २०? केवइया परिग्गहसन्नोवउत्ता उवव०२१? केवइया इथिवेयगा उवव० २२? केवइया पुरिसवेदगा उवव० २३? केवइया नपुंसगवेदगा उवव० २४? केवइया कोहकसाई उवव०२५? जाव केवइया लोभकसायी उवव०२८? केवइया सोइंदियउवउत्ता उव० २९ ।
-जाव केवइया फासिंदियोवउत्ता उव० ३३? केवइया नोइंदियोवउत्ता उव० ३४? केवतिया मणजोगी उवव० ३५? केवतिया वइजोगी उवव० ३६? केवतिया कायजोगी उवव० ३७? केवतिया सागारोवउत्ता उवव०३८? केवतिया अणनगारोवउत्ता उवव०३९
गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीएतीसाए निरयावाससयसहस्सेसुसंखेजवित्थडेसु नरएसु जहन्नेणं एक्कोवा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नेरइया उवव०, जहन्नेणं एक्कोवा दो वा तिन्नि वा उक्को० संखेज्जा काउलेस्सा उव०, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कसेणं संखेज्जा कण्हपक्खिया उव०, एवं सुक्कपक्खियावि, एवं सन्नी एवंअसन्नीविएवं भवसिद्धीया एवंअभवसिद्धिया आभिनिबोहियना० सुयना० ओहिना० मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगना० चक्खुदसणी णउवव० जहन्नेणंएक्कंवा दोवातिन्निवा उक्कोसे० संखे० अचखासणीउवव० एवंओहिदंसणीवि
आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिग्गहसन्नोवउ० इत्थीवेयगा न उव० पुरिसवेयगावि न उव० जहन्नेणं एक्कं वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा नपुंसगवेदगा उवव० एवं कोहकसाई
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