SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 195
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७८ पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् कृ विक्षेपे। गृ निगरणे । दृङ् आदरे। धृङ् अवस्थाने। प्रछ ज्ञीप्सायाम् । इति पञ्च किरादयो धातवस्तुदादिगणे पठ्यन्ते। आर्यभाषा: अर्थ-(किरादिभ्यः) कृ आदि (पञ्चभ्यः) पांच (अङ्गेभ्य:) अगों से परे (च) भी (सन:) सन् प्रत्यय को (इट्) इडागम होता है। उदा०-(कृ) स चिकरिषति । वह फैंकना चाहता है। (ग) समरिषति। वह निगलना चाहता है। (दृङ्) स दिदरिषते। वह आदर करना चाहता है। (धृङ्) दिधरिषते। वह अवस्थित रहना चाहता है। (प्रछ) स पिप्रच्छिषति । वह पूछना चाहता है। सिद्धि-चिकरिषति। यहां कृ विक्षेपे' (तु०प०) धातु से 'धातोः कर्मण: समानकर्तृकादिच्छायां वा' (३।११७) धातु मे इच्छार्थ में सन्' प्रत्यय है। इस सूत्र से इसे इडागम होता है। ___ ऐसे ही गृ निगरणे' (तु०प०) आदि धातुओं से 'जिगरिषति' आदि पद सिद्ध करें। कृ , प्रछ इन धातुओं के उपदेश में अनुदात्त होने से 'एकाच उपदेशेऽनुदात्तात (७।२।१०) से इडागम का नित्य प्रतिषेध प्राप्त था। दङ् और धृ धातुओं के उगन्त होने से सनिग्रहगुहोश्च' (७।२।१२) से इडागम का नित्य प्रतिषेध प्राप्त था, अत: इस सूत्र से इडागम का विधान किया है। इडागमः (४२) रुदादिभ्यः सार्वधातुके।७६ । प०वि०-रुदादिभ्य: ५।३ सार्वधातुके ७१ (षष्ठ्यर्थे)। स०-रुद आदिर्येषां ते रुदादय:, तेभ्य:-रुदादिभ्यः (बहुव्रीहिः)। अनु०-अङ्गस्य, वलादे: इट्, पञ्चभ्य इति चानुवर्तते। अन्वय:-रुदादिभ्य: पञ्चभ्योऽङ्गेभ्यो वलादे: सार्वधातुकस्य इट। अर्थ:-रुदादिभ्योऽङ्गेभ्य उत्तरस्य वलादे: सार्वधातुकस्य इडागमो भवति । उदा०-(रुद्) स रोदिति । (स्वप्) स स्वपिति । (श्वस) स श्वसिति । (अन) स प्राणिति। (जक्ष) स जक्षिति। ___ रुदिर् अश्रुविमोचने। भिष्वप शये। श्वस प्राणने। अन च {प्राणने)। जक्ष भक्षहसनयोः । इति पञ्च रुदादयो धातवोऽदादिगणे पठ्यन्ते। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003301
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1999
Total Pages802
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy