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पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम्
उदा०-वक्ष्यति 'स्वरतिसूतिसूयतिधूजूदितो वा' (७।२।४४) इति । धूञ्- विधूतः, विधूतवान् । गुहू-गुढः, गूढवान् । 'उदितो वा' ( ७ । २ । ५६) इति वृधु- वृद्ध:, वृद्धवान् ।
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आर्यभाषाः अर्थ-(यस्य) जिस धातुरूप (अङ्गस्य ) अङ्ग के सम्बन्ध में कहीं (विभाषा) विकल्प से (इट) इडागम का विधान किया गया है उससे परे (निष्ठाया:) निष्ठा - संज्ञक प्रत्यय को इडागम (न) नहीं होता है।
उदा०-जैसे पाणिनि मुनि कहेंगे- 'स्वरतिसूतिसूयतिधूञूदितो वा' (७।२।४४) अर्थात् इन स्वरति आदि धातुओं से परे निष्ठा प्रत्यय को विकल्प से इडागम होता है । धूञ्- विधूतः । विकम्पित हुआ। विधूतवान् । पूर्ववत् । गुहू-गुढः । छुपा हुआ। गूढवान् । पूर्ववत् । 'उदितो वा' (७/२/५६) अर्थात् उदित् धातु से परे क्त्वा प्रत्यय को विकल्प से इडागम होता है। वृधु- वृद्धः । बढ़ा हुआ। वृद्धवान् । पूर्ववत् ।
सिद्धि - (१) विधूत: । वि+धू+क्त । वि+धू+त । विधूत + सु । विधूतः ।
यहां वि-उपसर्गपूर्वक 'धूञ् कम्पनें' (क्रया० उ० ) धातु से 'निष्ठा' (३1२1१०२ ) से भूतकाल अर्थ में 'क्त' प्रत्यय है। इस से परे 'स्वरतिसूति०' (७।२।४४) से क्लादि आर्धधातुक को विकल्प से इडागम का विधान किया गया है। अत: इस सूत्र से निष्ठा प्रत्यय को इडागम नहीं होता है। ऐसे ही 'क्तवतु' प्रत्यय में- विधूतवान् ।
(२) गूढः । गुह+क्त । गुह+त। गुद्+ढ। गु०+ढ | गूढ+ सु । गूढः ।
यहां 'गुहू संवरणे' (भ्वा०प०) इस ऊदित धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है। इस सूत्र से निष्ठा-संज्ञक 'क्त' प्रत्यय को इडागम नहीं होता है । 'हो ढः' (८/२ / ३१ ) से हकार को ढकार, 'झषस्तथोर्धोऽधः' (८ 1२1४०) से तकार को धकार, 'ष्टुना ष्टुः' (८/४ /४०) से धकार को टवर्ग ढकार होता है। 'ढो ढे लोप:' (८ 1३ 1१३) से पूर्ववर्ती ढकार का लोप और लोपे पूर्वस्य दीर्घोऽण:' ( ६ । ३ । १११ ) से दीर्घ होता है। ऐसे ही 'क्तवतु' प्रत्यय में- गूढवान् ।
(३) वृद्ध: । वृध्+क्त । वृध्+त। वृध्+ध । वृद्+ध । वृद्ध+सु । वृद्धः ।
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यहां 'वृधु वृद्धौ' (भ्वा०आ० ) इस उदित् धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है। 'उदितो वा' (७/२/५६ ) से उदित् धातु से परे 'क्त्वा' प्रत्यय को विकलप से इsiगम का विधान किया गया है। अतः इस सूत्र से निष्ठा - संज्ञक 'क्त' प्रत्यय को इडागम नहीं होता है। 'झषस्तथोर्धोऽधः' (८1२1४०) से तकार को धकार और 'झलां जश् झशि' (८/४/५३) से 'वृध्' के धकार को जश् दकार होता है। ऐसे ही 'क्तवतु' प्रत्यय में वृद्धवान् ।
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