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पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम्
अन्वयः-कर्मणि क्ते तृतीया पूर्वपदं प्रकृत्या ।
अर्थ:- कर्मवाचिनि क्तान्ते शब्दे उत्तरपदे तृतीयान्तं पूर्वपदं प्रकृतिस्वरं भवति ।
उदा० -अहिना हत इति अ॒हि॑ह॒तः । व॒ज्रह॑तः । महाराजह॑तः । न॒खनि॑र्भिन्ना। दात्र॑लूना।
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आर्यभाषाः अर्थ-(कर्मणि) कर्मवाची (क्ते) क्त-प्रत्ययान्त शब्द उत्तरपद होने पर (तृतीया) तृतीयान्त (पूर्वपदम् ) पूर्वपद ( प्रकृत्या ) प्रकृतिस्वर से रहता है।
उदा०-अ॒हि॑िह॒तः । सर्पदंश से मरा हुआ। वज्रहतः । वज्रपात से मरा हुआ। महाराजर्हतः । महाराज के द्वारा मृत्युदण्ड दिया हुआ। नखनिर्भिन्ना । नखों से नौंची हुई नारी। दात्रेलूना । दाती से काटी हुई ओषधि ।
सिद्धि-(१) अ॒हि॑िहत:। यहां अहि और कर्मवाची क्तान्त हत शब्दों का 'कर्तृकरणे कृता बहुलम् (२1१1३१ ) से तृतीया तत्पुरुष समास है । अहि शब्द में 'आङि श्रहनिभ्यां ह्रस्वश्च' (उणा० ४ । १३८) से इण् प्रत्यय है। यहां 'वातेर्डिच्च' (उणा० ४।१३५) से डित् की अनुवृत्ति से 'डित्यभस्यापि टेर्लोपः' (६।४।१४३) से 'हन्' के टि-भाग (अन्) का लोप और 'आङ्' को ह्रस्व होकर 'अहि: ' शब्द सिद्ध होता है । अत: यह प्रत्ययस्वर से अन्तोदात्त है। यह इस सूत्र से कर्मवाची 'हत' शब्द उत्तरपद होने पर प्रकृतिस्वर से रहता है।
(२) वज्रहत: । यहां वज्र और पूर्वोक्त हत शब्दों का पूर्ववत् तृतीया तत्पुरुष समास है। वज्र शब्द 'वज्रेन्द्र०माला:' (उणा० २ । २९) से रक्-प्रत्ययान्त निपातित है । अत: यह प्रत्ययस्वर से अन्तोदात्त है । यह इस सूत्र से कर्मवाची 'हत' शब्द उत्तरपद होने पर प्रकृतिस्वर से रहता है।
(३) म॒हरा॒जह॑त:। यहां महाराज और पूर्वोक्त हत शब्दों का पूर्ववत् तृतीया तत्पुरुष समास है। महाराज शब्द में 'राजाहः सखिभ्यष्टच्' (५।४ ।९१) से समासान्त 'टच्' प्रत्यय है। प्रत्यय के चित् होने से यह 'चित:' (६ |१| १५८) से अन्तोदात्त है। यह इस सूत्र कर्मवाची, क्तान्त हत शब्द उत्तरपद होने पर प्रकृतिस्वर से रहता है ।
(४) न॒खनििर्भन्ना। यहां नख और पूर्वोक्त निर्भिन्ना शब्दों का पूर्ववत् तृतीया तत्पुरुष समास है। 'नख' शब्द में 'न खमस्यास्तीति नख: ' बहुव्रीहि समास है। यहां 'नभ्राण्नपान्नवेदा०' (६।३।७३) से 'नञ्' को प्रकृतिभाव होने से 'नलोपो नञः' (६।३ /७२) से नकार का लोप नहीं होता है। यह 'नञ्सुभ्याम्' (६ । २ । १७१) से अन्तोदात्त है। यह इस सूत्र से कर्मवाची क्तान्त निर्भिन्ना शब्द उत्तरपद होने पर प्रकृतिस्वर से रहता है।