SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 337
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२० पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् नेद-साधावादेशौ (६) अन्तिकबाढयोर्नेदसाधौ ।६३ । प०वि०-अन्तिक-बाढयो: ६।२ नेद-साधौ १।२। स०-अन्तिकं च बाढं च ते-अन्तिकबाढे, तयो:-अन्तिकबाढयो: (इतरेतरयोगद्वन्द्वः) । नेदश्च साधश्च तौ-नेदसाधौ (इतरेतरयोगद्वन्द्वः)। अनु०-अजादी इत्यनुवर्तते। अन्वय:-अन्तिकबाढयोर्नेदसाधावजाद्यो: (इष्ठन्-ईयसुनोः)। अर्थ:-अन्तिकबाढयो: शब्दयो: स्थाने यथासंख्यं नेदसाधावादेशौ भवत:, अजाद्यो:=इष्ठन्-ईयसुनो: प्रत्यययो: परत:। उदा०-(अन्तिकम्) सर्वाणीमान्यन्तिकानि, इदमेषामतिशयेनान्तिकम्नेदिष्ठम् (इष्ठन्) । उभे इमे अन्तिके, इदमनयोरतिशयेनान्तिकम्-नेदीयः । इदमस्माद् नेदीयः। (बाढम्) सर्वे इमे बाढमधीयते, अयमेषामतिशयेन बाढमधीते-साधिष्ठमधीते (इष्ठन्)। उभाविमौ बाढमधीयाते, अयमनयोरतिशयेन बाढमधीते-साधीयोऽधीते। अयमस्मात् साधीयोऽधीते (ईयसुन्)। आर्यभाषा: अर्थ-(अन्तिकबाढयो:) अन्तिक, बाढ शब्दों के स्थान में निदसाधौ) यथासंख्य नेद, साध आदेश होते हैं (अजादी) अजादि इष्ठन् और ईयसुन् प्रत्यय परे होने पर। उदा०-(अन्तिक) ये सब अन्तिक (पास) हैं, यह इनमें अतिशय से अन्तिक है-नेदिष्ठ है (इष्ठन्)। ये दोनों अन्तिक हैं, यह इन दोनों में अतिशय से अन्तिक है-नेदीय है (ईयसुन्)। (बाढम्) ये सब ठीक पढ़ते हैं, यह इनमें अतिशय से ठीक पढ़ता है-साधिष्ठ पढ़ता है (इष्ठन्)। ये दोनों ठीक पढ़ते हैं, यह इन दोनों में अतिशय से ठीक पढ़ता है-साधीय पढ़ता है (ईयसुन्)। सिद्धि-(१) नेदिष्ठम् । अन्तिक+सु+इष्ठन्। नेद्+इष्ठ। नेदिष्ठ+सु । नेदिष्ठम् । यहां 'अन्तिक' शब्द से अजादि 'इष्ठन्' प्रत्यय परे होने पर इस सूत्र से उसके स्थान में नेद' आदेश होता है। (२) नेदीयः । अन्तिक+सु+ईयसुन्। नेद्-ईयसुन्। नेदीयस्+सु। नेदीयस्+० । नेदीयरु । नेदीयर् । नेदीयः। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003299
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1998
Total Pages536
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy