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पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम्
व्यञ्जन
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क वर्ग
च वर्ग
ट वर्ग
त वर्ग
प वर्ग
अन्तःस्थ
ऊष्म
क ख ग घ ङ ।
च छ ज झ ञ ।
विसर्जनीय
जिह्वामूलीय
उपध्मानीय
ट ठ ड ढ ण ।
त थ द ध न ।
प फ ब भ म ।
य र ल व ।
श ष स ह । (३३)
अयोगवाह
६ ह्रस्व
दीर्घ
'अनुनासिक
अनुस्वार
ळ (चार याम} (८)
२२ स्वर, ३३ व्यञ्जन, ८ अयोगवाह = ६३
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