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________________ ३० ग्रन्थकार पण्डित सुदर्शनेदव आचार्य पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचन के लेखक पं० सुदर्शनदेव आचार्य का जन्म माध शुक्ला पंचमी सं० १९९१ वि० तदनुसार ८ फरवरी १९३५ ई० को ग्राम बालन्द (रोहतक) में महाशय शिवदत्त आर्य एवं श्रीमती रजकां देवी के घर हुआ । शिक्षा जन्म पाणिनीय-अष्टाध्यायी- प्रवचनम् आपके पूज्य पिता दृढ़ आर्यसमाजी थे । अत: ऋषिभक्त पिता ने अपने होनहारे पुत्र को प्राथमिक शिक्षा के उपरान्त आर्ष शिक्षा पद्धति से वेदादि शास्त्रों के अध्ययन के लिए ७ फरवरी १९९४७ ई० को आर्य भजनोपदेशक चौ० नौनन्दसिंह (स्वामी नित्यानन्द ) कोई सूरा (रोहतक) के साथ गुरुकुल झज्जर (रोहतक) भेज दिया। वहां पर आपने श्रद्धेय आचार्य भगवान्देव जी तथा महावैयाकरण पं० विश्वप्रिय शास्त्री आदि विद्वानों के चरणों में बैठकर शिक्षा, व्याकरण, निरुक्त, छन्दशास्त्र, काव्यालंकार, दर्शनशास्त्र, उपनिषद्, गीता, रामायण, मनुस्मृति, संस्कृत-साहित्य एवं वेदों का अध्ययन किया । तत्पश्चात् आप गुरुकुल में ही प्रधानाध्यापक के पद पर अध्यापन - व - कार्य करते रहे । आपने सन् १९५७ में पंजाब विश्वविद्यालय से शास्त्री, सन् १९६२ में व्याकरणाचार्य परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। सन् १९६७ में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरद्वार से एम०ए० (संस्कृत) में सर्वप्रथम रहे । सन् १९७७ में इसी विश्वविद्यालय से पी-एच० डी० उपाधि प्राप्त की । आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब द्वारा संचालित दयानन्द उपदेशक महाविद्यालय यमुनानगर, भटिण्डा में आप ७ वर्ष तक आचार्य रहे । तत्पश्चात् सन् १९६८ से १९९५ तक हरयाणा प्रशासन के विद्यालय तथा महाविद्यालयों में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष पद पर सेवा करते रहे । आप ३० दिसम्बर १९९५ को राजकीय सेवा से निवृत्त होकर आर्यप्रतिनिधि सभा हरयाणा के वेदप्रचाराधिष्ठाता एवं सर्वहितकारी के सह-सम्पादक के रूप में सेवाकार्य कर रहे हैं। साहित्य-रचना आपने शिक्षा-सेवा के साथ-साथ निम्नलिखित साहित्य-रचना की है वेदभाष्य - विबोध (यजुर्वेद का ४०वां अध्याय) । १. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003296
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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