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________________ जैन धर्म से क्या अभिप्रेत है ? जैन धर्म का उद्भव अर्वाचीन खोजों की अपेक्षा अधिक प्राचीन होने के प्रमाण उत्तर भारत में जैन धर्म -: विषय सूची : पहला अध्याय - महावीर पूर्वोत्तर जैन धर्म पार्श्व और महावीर की ऐतिहासिकता पार्श्व की ऐतिहासिकता के प्रमाण बौद्ध साहित्य में जैन धर्म के प्रारम्भ के उल्लेख पार्श्व और महावीर के धर्म का संबंध हिन्दू साहित्य में जैन धर्म के उल्लेख जैन धर्म की प्रचीनता के संबंध में आधुनिक विद्वान पार्श्व के सम्बन्ध में अनेक विवरण पार्श्व के 250 वर्ष पश्चात् महावीर का श्रागमन भारत वर्ष में धर्म का महान प्रचार दूसरा अध्याय - महावीर और उनका समय (1) ब्राह्मणों का बढ़ता हुआ प्रभाव एवं जातिवाद के विशेष अधिकार महावीर और बुद्ध के प्राविर्भाव से धर्माधिकारी मण्डलों की सत्ता एवं कट्टर ज्ञातिवाद का अन्त सामान्य दृष्टि से जैन धर्म महावीर चरित्र भारत वर्ष की इस महान् क्रांति में ब्राह्मणों के प्रति तिरस्कार का प्रभाव जीवन-दृष्टि और भारतीय लोकमानस के इतिहास में सूक्ष्म परिवर्तन (2) Jain Education International -अपहरण या भ्रूण परिवर्तन 'महावीर के माता पिता पार्श्व के पूजक श्रौर श्रमणों के अनुयायी थे महावीर का साधु जीवन महावीर की नग्नावस्था और जैन शास्त्रों का अर्थ महावीर का दीर्घ विहार महावीर निर्वारण समय For Private & Personal Use Only पृष्ठ 8 9 10 10 ENGL 11 12 13 14 16. ∞ ∞ 1 1 2 2 2 18 18 19 19 21 22. 22 2 2 2 2 2 2 2 23 24 25 27 28. 28 29 30 www.jainelibrary.org
SR No.003290
Book TitleUttar Bharat me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal J Shah, Kasturmal Banthiya
PublisherSardarmal Munot Kuchaman
Publication Year1990
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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