________________
XOX9555555555555555
(४१) पिंडनिज्नुत्ति
[३४]
历步步步步步步步步步O
गिहत्थसद्दाइचिट्ठाए ॥२२२।।-२२२२४५) दिन्ना उ ताउ पंचवि रेहाउ करेइ देइ व गणंति देह इओ मा य इओ अवणेह य एत्तिया भिक्खा ॥२२३।।-२२३२४६) सद्दा इएसु साहू मुच्छं न करेज गोयरगओ य एसणजुत्तो होज्जा गोणीवच्छो गवत्तिव्व ।।२२४||-२२४ २४७) ऊसवमंडणवग्गा न पाणियं वच्छए नविय चारि वणियागम अवरण्हे वच्छगरडणं खरंटणया ।।२२५।।-२२५ २४८) पंचविहविसयसोक्खक्खणी वहू समहियं गिहं तं तु न गणेइ गोणिवच्छो मुच्छिय गढिओ ॥ गवत्तंमि ।।२२६।।-२२६२४९) गमणागमणुक्खेवे भासिय सोयाइइंदियाउत्तो एसणमणेसणं वा तह जाणइ तम्मणो समणो॥२२७||-२२७२५०) महईऍ संखडीए उव्वरियं कूरवंजणाईयं पउरं दद्दूण गिही भणइ इमं देहि पुण्णट्ठा ।।२२८||-२२८ २५१) तत्थ विभागुद्देसियमेवं संभवइ पुव्वमुद्दिढ़ सीसगणहियट्ठाए तं चेव विभागओ भणइ ।।२३।। भा. २३ २५२) उद्देसियं समुद्देसियं च आएसिएं समाएसं एवं कडे य कम्मे एक्केकिक चउक्कओ भेओ ।।२२९||-२२९ २५३) जावंतियमुद्देसं पासंडीणं भवे समुद्देसं समणाणं आएसं निग्गंथाणं समाएसं ॥२३०।-२३०२५४) छिन्नमछिन्नं दुविहं दव्वे खेत्ते य काल भावे य निप्फइनिप्फन्नं नायव्वं जं जहिं कमइ ।।२३१||-२३१२५५) भत्तुव्वरियं खलु संखडीएँ तद्दिवसमन्नदिवसे वा अंतो बहिं च सव्वं सव्वदिणं देहिं अच्छिन्नं ।२३२।।-२३२२५६) देहि इमं मा सेसं अंतो बाहिरगयं व एगयरं जाव अमुगत्ति वेला अमुगं वेलं च आरब्भ ॥२३३||-२३३ २५७) दव्वाईछिन्नपि हु जइ भणई आरओऽवि मा देह तो कप्पइ छिन्नपि हु अच्छिन्नकडं परिहरंति ॥२३४||-२३४ २५८) अमुगाणंति व दिज्जउ अमुकाणं मत्ति एत्थ उ विभासा जत्थ जईण विसिट्ठो निद्देसो परिहरंति रिज्जा ॥२३५||-२३५ २५९) संदिस्संतं जो सुणइ कप्पए तस्स सेसए ठवणा संकलिय साहणं वा करेंति असुए इमा मेरा ॥२३६।।-२३६ २६०) मा एयं देहि इमं पुढे सिट्ठमि तं परिहरंति जं दिन्नं तं दिन्नं मा संपइ देहि गेण्हंति ॥२३७||-२३७ २६१) रसभायणहेउं वा मा कुच्छिहिईं सुहं व दाहामि दहिमाई आयत्तं करेइ कूरं कडं एयं ।।२३८||-२३८ २६२) मा काहंति अवण्णं परिकट्ठलियं व दिज्जइ सुहं तु वियडेण फाणिएण व निद्धेण समं तु वटुंति ।।२३९।।-२३९२६३) एमेव य कम्मंमिऽवि उण्हवणे नवरि तत्थ नाणत्तं तावियविलीणएणं मोयगचुन्नीपुणक्करणं ।।२४०।-२४०२६४) अमुगंति पुणो रद्धं दाहमकप्पं तु आरओ कप्पं खेत्ते अंतो बाहिं काले सुइव्वं परेव्वं वा ॥२४१||-२४१२६५) जं जह व कयं दाहं तं कप्पइ आरओ तहा अकयं कयपाकणिटुंति ठियंपि जावंतियं मोत्तुं ॥२४२।।-२४२२६६) छक्कायनिरणुकंपा जिणपवयणबहिरा बहिप्फोडा एवं वयंति फोडा लुक्कक्लुिक्का जह कवोडा ||२|प. २ २६७) पूईकम्मं दुविहं दव्वे भावे य होइ नायव्वं दव्वंमि छगणधम्मिय भावंमि य बायरं सुहुमं ।।२४३||-२४३ २६८) गंधाइगुणसमिढं जं दव्वं असुइगंधव्वजुयं पूइत्ति परिहरिज्जइ तं जाणसुदव्वपूइत्ति ॥२४४।-२४४२६९) गोट्ठिनिउत्तो धम्मी सहाएँ आसन्नगोट्ठिभत्ताए समियसुखल्लमीसं अजिन्न सन्ना महिसिपोहो॥२४५||-२४५२७०) संजायलित्तभत्ते गोदिदगगंधोत्ति वल्लवणिआयो उक्खणिय अन्नछगणेण लिंपणं दव्वपूई ऊ ॥२४६।।-२४६ २७१) उग्गमकोडीअवयवमित्तेणवि मीसियं सुसुद्धपि सुद्धपि कुणइ चरणं पूई तं भावओ पूई ।।२४७||-२४७ २७२) आहाकम्मुद्देसिय मीसं तह बायरा य पाहुडिया पूई अज्झोयरओ उग्गमकोडी भवे एसा ।।२४८।।-२४८ २७३) बायर सुहुमं भावे उ पूइयं सुहुममुवरि
वोच्छामि उवगरण भत्तपाणे दुविहं पुण बायरं पूई २७४) चुल्लुक्खलिया डोए दव्वीछूढे य मीसगं पूइं डाए लोणे हिंगू संकामण फोडणे धूमे ।।२५०||-२५० २७५) ॐ सिझंतस्सुवयारं दिज्जंतस्स व करेइ जं दव्वं तं उवकरणं चुल्ली उक्खा दव्वी य डोयाई ।।२५१।।-२५१ २७६) चुलुक्खा कम्माई आइमभंगेसु तीसुवि अकप्पं
पंडिकुटुं तत्थत्थं अन्नत्थगयं अनुन्नायं ॥२५२।।-२५२ २७७) कम्मियकद्दममिस्सा चुल्ली उक्खा य फड्डगजुया उ उवगरणपूइमेयं डोए दंडे व एगयरे ॥२५३||-. 5२५३ २७८) दव्वीछूढेत्ति जं वुत्तं कम्मदव्वीऍ जं दए कम्मं घट्टिय सुद्धं तु घट्टए ढेआ हारपूइयं ॥२५४||-२५४२७९) अत्तट्ठिय आयाणे डायं लोणं च कम्मं हिंगुं वा
तं भत्तपाणपूई फोडण अन्नं वजं छुहइ॥२५५||-२५५२८०) संकामेउं कम्मं सिद्धं जंकिंचि तत्थ छूढं वा अंगारधूमिथाली वेसण हेट्ठा मुणीहि धूमो ॥२५६।।-२५६ २८१) इंधणधूमेगंधे अवयव माईहिं सुहुमपूई उसुंदरमेयं पूई चोयग भणिए गुरु भणइ ॥१५७||-२५७२८२) इंधणधूमेगंधे अवयमाई न पूइयं होइ जेसिं तु एस पुई
सोही नवि विज्जए तेसिं॥२५८||-२५८ २८३) इंधणअगणीअवयव धूमो बब्भो य अन्नगंधो य सव्वं फुसंति लोयं भन्नइ सव्वं तओ पूई ।।२५९||-२५९ २८४) ननु Mero क म
श्री आगमगुणमंजूषा - १६१०॥ 5555555
5 55EOHORT
CF明明明明明明明明明明明明明乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明
GOS乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐听听听听听听听的恩