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97 धार्मिक सहिष्णुता और जैनधर्म (211215)
98 निर्युक्ति साहित्य एक पुनर्चिन्तन (211277 ) सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी
आनन्द ऋषि अभिनन्दन ग्रन्थ
99 निश्चय और व्यवहार किसका आश्रय ले ! (211281)
100 नीति के मानवतावादी सिद्धान्त और जैन आचार दर्शन (211286)
101 नीति के निरपेक्ष और सापेक्ष तत्त्व 102 नैतिक मूल्यों की परिवर्तनशीलता (211294)
103 नैतिक मानदण्ड : एक या अनेक ? 104 महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य के द्वारा सम्पादित एवं अनुदित षड्दर्शनसमुच्चय की समीक्षा (211300)
105 पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या और जैनधर्म (211323)
106 पर्यूषण पर्व : एक विवेचन ( 211332 )
112 फ्रायड और जैनदर्शन
113 बन्धन से मुक्ति की ओर (211460)
| सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, वाराणसी
114 बालकों के संस्कार निर्माण में अभिभावक, शिक्षक और समाज की भूमिका
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सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. वाराणसी
| दार्शनिक, अप्रेल 1976
| सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. | वाराणसी
107 पर्यूषण पर्व क्या, कब, क्यों और कैसे 108 प्रश्नव्याकरण की प्राचीन विषयवस्तु की खोज (211397 ) 109 प्रवर्तक एवं निवर्तक धर्मों का मनोवैज्ञानिक दार्शनिक, जून 1978
स्वरूप विकास
110 प्राचीन जैन आगमों में चार्वाक दर्शन का
पा.वि.
दार्शनिक जनवरी 1980
| महेन्द्र कुमार जैन शास्त्री न्यायचन्द्र स्मृति ग्रन्थ
सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. वाराणसी
सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. वाराणसी
प्रस्तुतीकरण एवं समीक्षा (211419)
111 पार्श्वनाथ जन्मभूमि मंदिर का पुरातत्त्वीय वैभव श्रमण, 1990
तीर्थकर
श्रमण, अगस्त 1981
सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. | वाराणसी
सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. वाराणसी
| सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. वाराणसी
श्रमण, जनवरी 1980
डॉ. सागरमल जैन- एक परिचय : 32
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