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44 जैनदर्शन में नैतिक मूल्यांकन का विषय | सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. (210697)
वाराणसी 45 जैनदर्शन में नैतिकता की सापेक्षता और मुनि द्वय अभिनन्दन ग्रन्थ
निरपेक्षता (210698) 46 जैनदर्शन में पुद्गल और परमाणु (210702)| सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी 47 जैनदर्शन में मिथ्यात्व और सम्यक्त्व : एक | जैन दिवाकर स्मृति ग्रन्थ __तुलनात्मक विवेचन (210709) 48 जैनदर्शन में मोक्ष का स्वरूप : एक | तीर्थकर महावीर स्मृति ग्रन्थ
तुलनात्मक अध्ययन (210710) 49 जैनदृष्टि में धर्म का स्वरूप (210729) लेखेन्द्रशेखरविजय अभिनन्दन ग्रन्थ 50 जैनधर्म और सामाजिक समता (210742) सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी 51 जैनधर्म में स्वाध्याय का अर्थ
श्रमण, 1994 52 जैनधर्म का एक विलुप्त सम्प्रदाय : यापनीय सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. (210743)
वाराणी 53 जैनधर्म का त्रिविध साधना मार्ग (210744) | विजयानन्दसूरि स्वर्गारोहण शताब्दी ग्रन्थ 54 जैनधर्म की परम्परा, इतिहास के झरोखे से | विजयानन्दसूरि स्वर्गारोहण शताब्दी ग्रन्थ
(210751) 55 जैनधर्म में नारी की भूमिका (210771) | सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी 56 जैनधर्म के धार्मिक अनुष्ठान एवं कला तत्त्व 57 जैनधर्म में प्रायश्चित्त एवं दण्ड व्यवस्था सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. (210774)
वाराणसी 58 जैनधर्म में सामाजिक चिंतन (210779) सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी 59 जैननीतिदर्शन के मनोवैज्ञानिक आधार सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि. (210795)
वाराणसी 60 जैन परम्परा में काशी (210807) राजेन्द्रसूरी जन्म शताब्दी ग्रन्थ
61 जैन परम्परा का ऐतिहासिक विश्लेषण श्रमण, जुलाई-सितम्बर 1990 . 62 जैन परम्परा में बाहुबलि (210810) सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, पा.वि.
वाराणसी
डॉ. सागरमल जैन - एक परिचय : 29
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