SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कथा काव्य महश्वर सूार पंचमामहात्म्यकथा पंचमामहास संयममंजरी (अपभ्रंशा काव्य) शोभन स्तुति शोभन स्तुति गुणभद्र (जिनसेन के शिष्य) पुराण उत्तरपुराण(आदि पुराणका शेष) उपदेश आत्मानुशासन चरित्र जिनदत्त चरित्र हरिषेण कथा आराधना कथाकोश १२५०० श्लोक कवि पम्प पुराण आदिपुराण चम्पू विक्रमार्जुन विजय कवि पोन्न पुराण शान्तिपुराण देवसेन आगमिक दर्शनसार, आराधनासार, तस्व सार, दार्शनिक लघुनयचक्र,बृहन्नयचक्र(सटीक), आलाप पद्धति टीका प्रकीर्णक भावसंग्रह धनपाल ( धक्कड वंशीय) कथा भवियसत्त कहा (पंचमीकहा) मणिक्यनंदि दार्शनिक परीक्षामुख अनन्तवीर्य सिद्धिविनिश्चय(अकलंक )की टीका विक्रम ग्यारहवीं शताब्दी जम्बूसूरि चरित्र मणिपति चरित्र (१००५) स्तुति जिनशतक. साम्बमुनि जिन शतक की टीका अभयदेवसूरि (तर्कपंचानन ) दार्शनिक सन्मति (सिद्धसेन)की तस्वबोध. “विधायिनी टीका (वादमहार्णव) २५००० श्लोक धनेश्चरसूरि (अभयदेव के शिष्य) कथा सुरसुंदरी कथा (?) स्तोत्र शत्रुजम माहात्म्य. EFFEEEEEEEEEEEEEE पुष्पदंत यहाकवि चरित्र तिसट्ठिमहापुरुषगुणालंकारु (अपभ्रंश), णायकुमार चरिउ (नागकुमारचरित्र) जसहरचरिउ पुराण महापुराण (उत्तरपुराण) कोश कोशग्रन्थ. स्तोत्र शिवमहिम्नस्तोत्र. आचार्य महासेन (जयसेन के चरित्र प्रद्युम्न चरित्र शिष्य गुणाकरके शिष्य) श्री पचनदि भूगोल जंबूदीवपन्नत्ति नेमिचन्द्र (अभयनंदि के शिष्य) कर्मशास्त्र पंचसंग्रह (गोम्मटसार, गोम्मट संग्रह, गोम्मट संग्रहस्त्र) लब्धि. सार (गोम्मटसार का परिशिष्ट भूगोल त्रिलोकसार चामुण्डराय (गोम्मटराय ) कर्मशास्त्र गोम्मटसार की पीरमत्तंडी टीका (कनडी) अजितसेन के शिष्य आगमिक चारित्रसार (तस्वार्थ विषयक) पुराण चामुंडपुराण (त्रिपष्ठिरक्षण पुराण) वीरनंदि (अभयनंदि के शिष्य) चरित्र चंद्रप्रभचरित्रमहाकाव्य इन्द्रनंदि 6) चरित्र श्रुतावतार (श्रुतपंचमी कथा) कनकनंदि बार्शनिक त्रिभंगी माधवचंद्र विद्य (नेमिचंद्र के भूगोल त्रिलोकसार की टीका शिष्य) कर्मशास्त्र क्षपणसार श्रीचंद्र पुराण महापुराण ( पुष्पदंत) का * टिप्पण, पुराणसार. चरित पचरित(रविषण) का टिप्पण * एक भाग मादि पुराण, और दूसरा भाग उत्तर पुराण है। 'आदि पुराण' का टिप्पण अनुपलब्ध है। उत्तर पुराण का टिषण १२७०० लोक है। Jain Education International For Private &Personal use Only
SR No.003235
Book TitleJain Granth aur Granthkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFatehchand Belani
PublisherJain Sanskruti Sanshodhan Mandal Banaras
Publication Year1950
Total Pages35
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy