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________________ शान्ति सूरि वादिवेताल आगमिक उत्तराध्ययन की पाइ टीका (पान्त्याचार्य स्वर्ग १०९६) जिनचंद्रगणि (कुलचंद्रगणि देव नघपद लघुवृत्ति, नवगुप्ताचार्य-तीन नामहै) कक्क पद प्रकरण, सूरि के शिष्य वीराचार्य आराधना पताका जिनेश्वर सूरि ( वर्धमान सूरि, दार्शनिक प्रमालक्ष्म सटीक, पंचलिंगीके शिष्य, खरतर गच्छ के प्रकरण स्थापक) कथा-चरित्र निर्वाण लीलावतीकथा वीर चरित्र प्रकरण हरिभद्र के अष्टकों पर टीका, षट्स्थानक प्रकरण धनेश्वर सूरि स्तोत्र शत्रुजय माहात्मय, कथा सुंर सुंदरी कथा (?) बुद्धिसागर सूरि व्याकरण पंचग्रन्यी व्याकरण (गद्यपद्या. मत्क ७००० श्लोक-संस्कृत प्राकृत) श्वेताम्बर सूरि (खड़गाचार्य) काव्य खड्ग काव्य सूराचार्य द्विसंधान काव्य, नेमि चरित्र पुराण महाकाव्य (१०९०) महा कवि धबल हरिवंश पुराण ( अपभ्रंश १८०० श्लोक मरेश्वर सूरि कथा संयम मंजरी (अपभ्रंश) श्रीचंद्र मुनि महावीरोत्साह (') कथाकोश (अन) सागरदत्त चरित्र-पुराण जंबू चरिउ (अप०) पाश्र्व पुराण (अपभ्रंश) नयनं दि चरित्र-पूराण सुदर्शन चरिउ (अपभ्रंश) (१५) बारहवीं शताब्दी अभयदेवसरि आगमिक ज्ञाताधर्मकथा टीका, (११२० (नवांगीटीकाकार, स्वर्ग विजयादशमी), स्थानांग टीका ११३५ कपड़वंजमें) (११२०), समवायांग टीका (११२०), भगवती टीका (११२८), उपासकदशा टीका अन्तकृद्दशा टीका, अनुत्तरोपपातिक टीका, प्रश्नव्याकरण टीका, विपाक टीका, औपपातिक टीका, प्रज्ञापना टीका, षट्स्थानक भाष्य, पंचाशक वृत्ति, आराधना कुलक स्तुति जयडतिहुअण स्तोत्र (अपभ्रंश) जिनचंद्रसूरि संवेगरंगशाला (११२५) कविसाधारण (सिद्धसेनसरि) विलासवती कथा (समराइच्च कथा से उद्धृत अपभ्रंश ११२३) नमिसाधु आगमिक चैत्यवंदन (आवश्यक) वृत्ति (११२२) धर्मोपदेशमाला बिवरण (प्रा. ११२९) नेमिचंद्रसूरि (आम्रदेव के शिष्य) , उत्तराध्ययन की सुखबोधा टीका कथा-चरित्र रत्नचूड कथा, महावीरचरियं प्राकृत (११३९ ) आख्यान मणिकोश. गुणचंद्रसूरि (सुमति वाचक शिष्य) महावीरचरित्र (११३९) शालीभद्रसूरि (थारापद्रगच्छीय) आगसिक संग्रहणी वृत्ति चन्द्रप्रभ महत्तर चरित्र विजयचन्द्र चरित्र(११२७-३७) वर्धमानाचार्य (नवांगी टीकाकार मनोरमा चरित्र (११४०) अभयदेव के शिष्य) आदिनाथ चरित्र (१९६०) प्रकीर्णक धर्मरत्नकरंडवृत्ति (११७२) Jain Education Internation For Private & Personal use only
SR No.003235
Book TitleJain Granth aur Granthkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFatehchand Belani
PublisherJain Sanskruti Sanshodhan Mandal Banaras
Publication Year1950
Total Pages35
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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