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परमट्ठनिट्ठियट्ठा सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु
चत्तारि - अट्ठ दस- दोरा बंदिया
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श्री अष्टापदनी महातीर्थ
जगचिंतामणि जगनाह अट्ठावय-संठवियरूव
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