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जहर जैसा ! परन्तु यदि उसे कभी उसकी मिठास की चटक उठे तो कुपथ्य थोडासा ही सही लेने का राग हो ही जाता है न ? क्या मालूम नहीं है कि "सर्दी में खिड़की की हवा सर्दी को बढ़ाएगी, अतः हवा बुरी है ?" मालूम है, उससे नफरत भी है फिर भी गर्मी में ठंडी हवा की मिठास खिड़की खोलने को बाध्य करती है। यही यहाँ विषयों की मिठास में होता है । उधर समकिती का वैराग्य सच्चा होते हुए भी उस मिठास को रोक नहीं पाता, और विषय संग प्रवर्तमान हो जाता है । भीतर की ओर वैराग्य के कारण इसके प्रति ग्लानि विद्यमान है, फिर भी पराक्रम के अभाव में उसकी मिठास का राग जोर मारता है। पराक्रम प्रस्फुटित करे तो उसको दब जाना पड़े,और वैराग्य की जीत हो जाय परन्तु पराक्रम लाना कहाँ से ? इसका नाम है - 'भीतर से दिल शुभ भावयुक्त फिर भी बुरी भावना का जोर उसे दबा देता है, सक्रिय नहीं होने देता । "
यही बात झूठी शर्म में होती है । गलत शर्म की भावना अनुचित है । उसे यदि पराक्रम के द्वारा न दबाया गया तो वह भीतर दिल - अन्तर्मन अकार्य को अनुचित मानता रहेगा और अकार्य उन्मार्ग पर घसीट ले जाएगा । अतः पुरूषार्थ प्रकट कर झूठी शर्म को दूर हटा दो, तभी पतन से बच सकोगे। बेचारे कई भोले बालक अनाड़ी की संगत से झूठी शर्म में पड़कर बुरी आदतों के शिकार बन जाते हैं। हम ऐसा कहते हैं कि संपर्क में न आवे परन्तु कई घंटों तक हररोज साथ पढना होता है, साथ खेलना, साथ जाना-आना होता है तब कैसे संपर्क - संगत से बच सकते हैं ? परन्तु मूर्ख माता-पिता को इस की समझ नहीं होती । अतः इसी तरह अव्यवस्था चलती है ।
प्र० तो क्या पढाना नहीं ?
उ० हमारे मना करने से थोडे ही रुकने वाले हैं. परन्तु इतना समझ रखना रहा कि आज के समय में कुसंसर्ग मिलने ही वाला है। अब वह झूठी शर्म में या लालच में न फँसे इस हेतु से सदा हित- शिक्षा का प्रयत्न करना चाहिए ।' और वह प्रयत्न इस तरह कि संतानों को ठेठ बचपन से बडे होने तक हर रोज रात को अपने पास बैठाओ और उन्हें रोजाना प्राप्त होने वाले अनुभव, दृष्टांत आदि देकर अच्छी अच्छी सीख देते जाओ । उन्हें सिखाओ कि 'कोई गलत काम करने को कहे तो जरा भी शर्म में न पड़ना । तुरन्त बड़े जोर की दहाड जैसी आवाज में कहना कि 'क्या करते हो ?' ताकि वही शर्मा जाएगा। दूसरे लोग ऐसी दहाड़ सुनकर पूछेंगे या इस ओर देखेंगे तो डर जाएँगे। फिर कभी गलत काम का नाम नहीं लेंगे। सुशील बालाओ या महिलाओंने बेईमान के मुहँ पर चप्पल मार कर इस तरह रोका है ।
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