________________
समय की मार से कमजोर टूटते हैं, गाफिल मुसाफिर को ठग लूटते हैं, निराश न होना जीवन की कठोरता से, पहाड़ की छाती से ही निर्झर फूटते हैं।
अयोध्या के युवराज राम को भी राजमहल छोड़कर वीरान वन में जाना पड़ा था। छह माह के कठोर उपवास करने की स्थिति भगवान महावीर की भी आयी थी...
फिर भी...राग, रोष, रुदन का एक कतरा भी राम के मुखारविंद पर न गिरा... और प्रभु वीर की दमक, नूर अथवा शहूर पर आँच नहीं आयी... यह जीवन है...
निराबाधित रहे... | जिससे जिंदगी का आनंद
हम कुछ ऐसा अन्वेषण करें... | परिस्थिति एवं संजोग के अधीन...
7Naindicom
www.jainelibrary.org