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११ सुहिणो भवंतु जीवा ११
मेरी सद्भावना
हे प्रभु !
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विश्व के सभी प्राणी सुखी हो..... सभी निरोगी बने..... सबका कल्याण हो..... कोई भी आत्मा कभी भी दुःखी न हो..... ऐसी मेरी सद्भावना है....... ऐसी मेरी मंगल कामनाएं आपके चरणों में हैं। सभी आत्माओं को परमात्मा पाने की भक्ति प्राप्त हो। सभी आत्माओं को संकट सहन करने की शक्ति प्राप्त हो। सभी आत्माओं को मानसिक परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति प्राप्त हो..... सभी आत्माओं को अमरत्व पाने के लिए गुरु प्रसादी प्राप्त हो..... चाहे वह प्रसाद कण जितना ही क्यों न हो पर वह टन भर जितना आलोक, अमृत और आनन्द का प्रदाता है।
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