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दुनिया में एक सच है - मृत्यु। सारा जीवन मृत्यु पर समाप्त हो जाता है। जो बना है वह मिटेगा.... जो सजाया गया है वह एक दिन उजड़ेगा।
। एक ही सच है. जब लग तेल दीये में बाती, जगमग-जगमग होय। चुक गया तेल बिनस गई बाती, ले चल ले चल होय ।।
मृत्यु स्वाभाविक है अतः मौत से छुटकारा नहीं हो सकता लेकिन मृत्यु के भय से छुटकारा हो सकता है। हर व्यक्ति चाहता है कि मेरी मृत्यु ऐसी हो कि दोबारा जन्म ही न लेना पड़े।
जीवन जीते हुए मृत्यु को समझ लिया जाए तो सारी शक्तियाँ कल्याण की दिशा में स्वयमेव लग सकती है।
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