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________________ मेरी मलकियत मेरे पास जितनी चीजें है उतनी चीजों पर मेरी मलकियत है। कोई भी चीज मैं बिना आज्ञा के नहीं ले सकती..... बिना दी हुई वस्तु को लेने की हकदार मैं नहीं हूँ..... चोर की चुराई हुई वस्तु को मैं खरीदना नहीं चाहती और न ही मुझे इन गलत कामों के लिए किसी को सलाह और सहयोग देना है..... ___ अपने कर्त्तव्यों को निभाते हुए मुझे मेरी वस्तुएँ भी सीमित करनी है..... दूसरों की वस्तुओं पर मुझे ध्यान नहीं देना है..... _____ इस संसार में मेरा कुछ भी नहीं है फिर समग्र वस्तुओं पर मलकियत कैसे हो सकती है.....? जो वस्तुएँ मेरे पास हैं उसका सिर्फ मुझे उपयोग कर लेना है.....जीवन में यह सतत स्मरण बना रहे कि इन वस्तुओं को छोड़कर एक दिन मुझे यहाँ से जाना है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrar59
SR No.003222
Book TitleLife Style
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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