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लक्ष्य जरूरी है...
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हमारे जीवन में लक्ष्य का चुनाव करना यह एक अत्यन्त आवश्यक चिन्तन है। बिना लक्ष्य का जीवन पशु के समान होता है।
लक्ष्यहीन मनुष्य का प्रत्येक चरण आधार रहित है... उसकी साधना भी आकाश में लटकी रहती है... उसकी कार्य-शक्ति भी खंडित हो जाती है।
सारी शक्तियों को केन्द्रित करना और सभी प्रवाहों को एक दिशा में ले जाना लक्ष्य का ही काम है।
यह मनुष्य जन्म जो मिला है उसमें अपनी मंजिल का निर्णय कर लेना है। मोक्ष का लक्ष्य तय हो जाने पर बाहर की यात्रा छोड़कर अन्तर्यात्रा प्रारम्भ होती है। हमारी शक्ति सच्चे लक्ष्य के लिए समर्पित हो ऐसी भावना बनी रहै ।
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