________________
एकत्व का अवसर
यह संसार एक लम्बी और सुनसान सड़क है। मनुष्य अज्ञान के अंधेरे में उस सड़क पर चलता हुआ और ठोकरें खादा हुआ गिरकर भी पुनः चल पड़ता है।
/ संसार की इस वास्तविकता का स्वीकार करना ही होगा कि मुझे यहाँ अकेले ही जीना है... अकेले ही जीवन-पथ पर चलना है और निर्वाण तक की यात्रा भी अकेले ही करनी है।
एकत्व का अर्थ दीनता या विवशता नहीं है... यदि आपके स्वजन या प्रियजन आपको अकेले छोड़ गए हैं तो मानो वे आपको एकत्व की साधना करने का स्वर्णिम अवसर दे गए हैं। अतः निराश या हताश मत हो जाना।
एकत्व ही जीव मात्र की नियति है... अनेकत्व भ्रान्ति है। इसी एकत्व से प्रभु महावीर ने केवल ज्ञान की अनन्त सम्पदा को प्राप्त किया था। अकेलापन नकारात्मक है और एकत्व सकारात्मक है। जब-जब भी एकत्व का अवसर मिलें तब उसका सदुपयोग कर लेना।
एगोऽहं त्थि मे कोइ।।
-32
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
Mainelibrary.orget