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सरल बनो
सरलता मन का ऐसा प्रकाश है जिसमें अन्तस् का एक-एक कोना स्पष्ट झलकता है। जिसकी सोच, वाणी और कर्म एक जैसे हो यानी वह जैसा सोचता है वैसा ही बोलता है और जैसा बोलता है वैसा ही करता है ऐसा पारदर्शी मेरा जीवन हो। सरल व्यक्ति सब चीजें सरल भाव से देखता हैं। उसकी गति, मति, भावना एवं आचरण सब सरलता से युक्त होते हैं। सब तीर्थों में स्नान करना और सब प्राणियों के साथ सरलता का व्यवहार करना ये दोनों एक समान है। जब तक मन में बालक जैसी निष्कपटता और निश्छलता पैदा न हो तब तक धर्म का बीज मन की भूमि में नहीं बोया
जा सकेगा।
N: 11 सन्तुष्टं सरलं सोमम्।।
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