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विवाद नहीं,
सामंजस्य बिठाएँ...
विवाद
विवाद नही
प्रायः यह देखा जाता है यदि दो व्यक्तियों की रूचियाँ अलग-अलग हों तो उनका आपस में सामंजस्य नहीं हो पाता। जिस कर में दो बच्चें हैं और दोनों की रूचि भिन्न-भिन्न है तो बात-बात में टकराहट होती है।
समान रूचि के लोगों के साथ रहोगे तो क्रोध के कारण कम बनेंगे। असमान रूचि के लोगों के मध्य कलह होता ही रहेगा। अपनी धारा में रहेंगे तो मतभेद नहीं होंगे और दूसरी धारा में जाओगे तो विवाद ही रहेगा।
जैसे विद्युत प्रवाह में शार्ट सर्किट से आग लग जाती है। शार्ट सर्किट का कारण क्या है? दो तार अपनी धारा प्रवाहित करते रहें तो ठीक किन्तु एक धारा का तार दूसरी धारा के तार से जुड़ जाए तो शार्ट सर्किट हो जाता है। अपनी रूचि अनुसार अपने ढंग से व्यक्ति चलता रहे तो कोई विवाद नहीं होता। विवाद तब होता है जब व्यक्ति अपनी रूचि के मुताबिक दूसरों को चलाना चाहता है।
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