________________
प्रत्येक कार्य में
जल्दबाजी
करना ही उस
कार्य को विलम्ब से पूरा करना है... विचारपूर्वक धैर्य से काम करने वाले को कभी विघ्न नहीं आते। जल्दी से भरा हुआ चित्त अस्त-व्यस्त होता है। जल्दबाजी का मतलब है काम को जैसे-तैसे निपटाना... बेहोशी में ही कार्य को पूर्ण कर देना। जल्दबाजी में आप अपनी मलकियत खो देते हैं... जल्दबाजी में कार्य-शक्ति की क्षमता समय से पूर्व समाप्त हो जाती है। इसलिए कहावत बनी है - 'जल्दबाजी का काम शैतान का होता है और धीरज का काम भगवान का होता है ।' जल्दबाजी उथले आदमी का लक्षण है। धैर्य सुनार की तरह है। सुनार जब भट्टी में सोने को डालता है तब बड़ी धैर्यता की ज़रूरत होती है।
6 jain Education Internationalh
।। सहसा विदधीत न क्रियाम् ।।
जल्दबाजी मत करो
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org