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________________ अवसर ११ खणं जाणाइ पौडए । क्या नदी ने कभी यह शिकायत की है कि मुझे मार्ग नहीं मिलता....? वह अपने आप ही मार्ग का निर्माण करती है। यदि कोई घर की चार । दीवारी में बैठकर यह कहें कि उसे 2 प्रकाश और हवा चाहिए तो खड़े होकर मकान के द्वार एवं खिड़कियों को खोलना होगा। तब आप देखेंगे कि प्रकाश और पवन तो आपकी बाहर प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी तरह अवसर भी हमारी राह देख रहा है। अवसर की कोई स्वतंत्र सत्ता नहीं है कि कोई उसे हमारे सम्मुख प्रस्तुत करेगा। जिज्ञासा की उत्कृष्टता ही अवसर बन जाती है। अवसर पर किया गया । थोड़ा सा प्रयास भी परेशानियों से बचाता है। ऐसा एक भी व्यक्ति इस संसार में नहीं है जिसके पास एक बार भी भाग्योदय का अवसर न आया हो। जैसे सोने का प्रत्येक कण मूल्यवान होता है, इसी प्रकार समय का प्रत्येक क्षण भी मूल्यवान होता है। यह कभी मत भूलो कि हर कार्य का अवसर होता है और हर अवसर के लिए कार्य भी होता है अतः 'अवसर की उपेक्षा करना स्वयं की। उपेक्षा है। इस संसार में वक्त और समुद्र की लहरें किसी का इन्तजार नहीं देखती अतः जो हर पल सजग रहता है वही अवसर को पकड़ सकता है। समय पर किया गया थोड़ा-सा प्रयत्न भी उत्थान के शिखर तक पहुंचा सकता है। 120 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003222
Book TitleLife Style
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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