SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 114
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपमान का बदला महान् वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन से एक बार एक बालक ने पूछा, “अंकल ! मुझे कोई ऐसा मंत्र बताएँ जिससे जीवन में शत-प्रतिशत सफलता मिल सके।' आइंस्टीन ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "हिम्मत न हारो।" बालक ने पूछा, "यह कैसे, अंकल ?" आइंस्टीन ने बताया, "जब मैं तुम्हारी तरह बालक था तो स्कूल के साथी मुझे बहुत तंग करते थे और बुद्ध कहकर मुझे चिढ़ाया करते थे । गणित के अध्यापक मेरा इतना अपमान करते थे कि मैं शर्म से गड़ जाता था । वे हमेशा ताना कसते थे कि तुम सात जन्म में भी गणित नहीं सीख पाओगे। इन सब बातों से चिढ़कर मैंने निश्चय किया कि मैं पूरी मेहनत से सारी चीजें सीखूँगा। किसी के भी अपमानित करने से हिम्मत नहीं हारूँगा । इसीलिए मैं कुछ कर सका । सोचो, यदि मैं डरकर हिम्मत हार बैठता तो मेरी क्या गति हुई होती !" जो हिम्मत हारा वह जीवन हारा। अतः हिम्मत से अच्छे काम करते रहने चाहिये। 104 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003221
Book TitleStory Story
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy