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इस संस्थान का उद्देश्य संस्कारशील उच्च स्तरीय जैन विद्वान् तैयार करना है। इसके लिए छात्रों को उच्च स्तरीय संस्कृत, प्राकृत आदि विषयों का अध्यापन कराया जाता है, जिससे छात्र हायर सैकण्डरी, बी.ए., एम.ए., आर.ए.एस. आदि परीक्षाओं में वरीयता सूची में स्थान पाते हैं तथा छात्रों को आत्म-निर्भर होने के लिए पूर्ण सहयोग दिया जाता है, जिससे उन्हें आजीविका के लिए इधर-उधर जाना नहीं पड़ता है।
संस्थान में परिश्रमी, सेवाभावी, अनुशासनप्रिय, प्रतिभासम्पन्न छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता है। संस्थान के छात्रों की भोजन, आवास आदि की व्यवस्था नि:शुल्क है।
शिविर तथा संस्थान में प्रवेशार्थी छात्र अपना (१) नाम (२) पिता का नाम (३) गोत्र (४) जन्मतिथि (५) निवास स्थान व पता (६) धार्मिक योग्यता एवं विगत दो वर्षों की विद्यालयीय परीक्षाओं में प्राप्तांक (अंक तालिका की प्रति अलग से संलग्न करें) आदि का विवरण देते हुए निम्नांकित पते पर ३० अप्रेल २००२ तक आवेदन पत्र भेजें, जिससे उन्हें अनुमति पत्र एवं शिविर तिथि की सूचना समय पर भेजी जा सके।
पता- अधिष्ठाता, श्री जैन सिद्धान्त शिक्षण संस्थान ए-9, महावीर उद्यान पथ, बजाजनगर, जयपुर-302015 (राज.)
फोन नं. 0141-511946 जैन अध्यापक तैयार करने की दो आकर्षक योजनाएँ 1. तीन वर्ष तक विद्यापीठ में रहकर धार्मिक अध्ययन-न्यूनतम योग्यता-१२वीं पास, आयु–१७से २१ वर्ष
अध्ययनकाल में भोजन आवास तथा धार्मिक शिक्षण की नि:शुल्क व्यवस्था के साथ प्रथम वर्ष में रुपये ६००/- द्वितीय में रुपये ७५०/तथा तृतीय में रुपये ९००/- प्रतिमाह छात्रवृत्ति। पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर समाज सेवा में रुपये ५०००/- माह पर सर्विस की गारण्टी। १० वर्ष तक समाज-सेवा में निरन्तर सर्विस करने पर १ लाख रुपये का सम्मान पुरस्कार। प्राइवेट परीक्षा की छूट। 2. पत्राचार योजना- घर बैठे तीन वर्ष में कुशल साधक, प्रशिक्षित अध्यापक, प्रभावशाली प्रचारक तथा कर्त्तव्यनिष्ठ समाजसेवी बनने योग्य भाई-बहन इस योजना में शामिल हो सकते हैं। तीन वर्ष का नियत पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर आकर्षक पुरस्कार तथा बेचलर ऑफ जैनोलाजी की उपाधि से अलंकरण। साधु-साध्वी तथा शिविरों में अध्यापन का सुअवसर। पाठ्यक्रम तथा नियमावली के लिए सम्पर्क करें- प्रकाशचन्द जैन, प्राचार्य श्री महावीर जैन स्वाध्याय विद्यापीठ, व्यंकटेश मंदिर के पीछे. गणपति नगर, जलगांव-425001 (महा.)
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