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________________ 1252 जिनवाणी- जैनागम-साहित्य विशेषाङका इसी अंबड़ के ७०० अंतेवासी किस प्रकार अदत्त न लेने के अपने व्रत की साधना में संथारापूर्वक पंडित मरण को प्राप्त होते हैं, यह उल्लेख मिलता है। समुद्घात एवं सिद्धावस्था-- उपपात के साथ केवली समुद्घात का विस्तृत वर्णन तथा समुद्घात का स्वरूप वर्णन करके शास्त्रकार द्वारा सिद्ध अवस्था का स्वरूप बताया गया है। इसमें सिद्धों की अवगाहना, संहनन, संस्थान, तथा उनके परिवास का उल्लेख प्राप्त होता है। प्रस्तुत आगम की कतिपय विशेषताएँ • आप्तवाणी होने से आगम ज्ञान के प्रकाशस्तंभ होते हैं। वे अज्ञान अंधकार में भटकते मानव को ज्ञान का प्रकाश प्रदान कर कल्याण पथ पर अग्रसर करते हैं। उववाइय सूत्र नगरी के वर्णन, वनखंड के वर्णन आदि की दृष्टि से अन्य आगमों के लिए संदर्भ ग्रन्थ माना गया है। इसे आगम की मौलिक विशेषता माना गया है। नगर निर्माण, नगर सुरक्षा एवं व्यवस्था, जनजीवन, कला, शिल्प(वास्तु) एवं राज्यव्यवस्था की पर्याप्त सामग्री इस आगम में उपलब्ध है। इस दृष्टि से यह शोधार्थियों के लिए अतीव महत्त्वपूर्ण है। वानप्रस्थ एवं परिव्राजक परम्पराओं के उल्लेख इस आगम में विस्तार से किए गए हैं। ये इनकी आचार-विचार चर्या पर पर्याप्त प्रकाश डालते हैं। सूत्र सूयगडांग के समय अधिकार में दार्शनिक दृष्टि से विभिन्न दार्शनिक परम्पराओं का वर्णन है, जो सैद्धांतिकता पर प्रकाश डालते हैं। वानप्रस्थ एवं परिव्राजक परम्पराओं का अध्ययन शोधकर्ताओं के लिए महत्त्वपूर्ण वर्णनप्रधान एवं शब्दचित्र शैली में रचित यह आगम साहित्यिक रचना का. उदाहरण है। इसके प्रणेता चतुर्दशपूर्वी स्थविर ने सिद्धान्तानुसार वर्णनप्रधान स्थलों एवं क्रियाकलापों का यथातथ्य वर्णन प्रस्तुत किया है। श्रमण जीवन एवं स्थविर जीवन के विस्तृत वर्णन के साथ तप-साधना का विस्तारपूर्वक उल्लेख इसकी अपनी विशेषता है। ___ अंतत: यह आगम ज्ञान, दर्शन, चारित्र एवं तप के साधकों के लिए पठनीय, मननीय एवं आचरणीय है। -35, अहिंसापुरी, उदयपुर (राज.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003218
Book TitleJinvani Special issue on Jain Agam April 2002
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2002
Total Pages544
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Canon, & Agam
File Size23 MB
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