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जिनवाणी- जैनागम-साहित्य विशेषाङक नंदोत्तरा, नंदश्रेणिका, मरुता, समरुता, महामरुता, मरुदेवा, भद्रा, सुभद्रा, सुजाता, सुमनायिका और भूतदत्ता। अष्टम वर्ग के १० अध्ययन हैं। इनमें राजा श्रेणिक की रानियों की कठोर तपश्चर्या का वर्णन है जो रोंगटे खड़े करने वाला है। इन महारानियों के छुट-पुट जीवन-प्रसंग अन्य आगमों में भी विस्तार से मिलते हैं। ये महारानियाँ अपने जीवन के अन्त में संलेखनापूर्वक आयु पूर्ण कर मुक्ति प्राप्त करती हैं। इस वर्ग के प्रथम अध्ययन में काली देवी के "रत्नावली तप' दूसरे अध्ययन में सुकाली देवी के “कनकावली तप'' तृतीय अध्ययन में महाकाली देवी के “लघुसिंह निष्क्रीड़ित तप'', चतुर्थ अध्ययन में कृष्णा देवी के "महासिंहनिष्क्रीड़ित तप", पंचम अध्ययन में सुकृष्णा देवी के “सप्तसप्तमिका भिक्षुप्रतिमा तप, षष्ठ अध्ययन में महाकृष्णा देवी के “लघुसर्वतोभद्र तप', सप्तम अध्ययन में वीरकृष्णा देवी के “महासर्वतोभद्र तप'', अष्टम अध्ययन में रामकृष्णा देवी के "भद्रोत्तरप्रतिमा तप", नवम अध्ययन में पितृसेन कृष्णा देवी के "मुक्तावली तप'' तथा दशम अध्ययन में महासेनकृष्णा देवी के “आयंबिल वर्द्धमान तप'' का वर्णन है जो श्रमणों के लिए अनुकरणीय है। 1.रत्नावली तप एक परिपाटी- तपश्चर्या काल-१ वर्ष ३मास २२ दिन, तप के दिन-१ वर्ष २४ दिन, पारणे के दिन-८८ चार परिपाटी– तपश्चर्या काल-५ वर्ष २ मास २८ दिन, तप के दिन-४ वर्ष ३ मास ६ दिन, पारणे के दिन ३५२ 2. कनकावली तपएक परिपाटी- तपश्चर्या काल—१ वर्ष ५मास १२ दिन, तप के दिन-१ वर्ष २ माह १४ दिन, पारणे के दिन ८८ चार परिपाटी– तपश्चर्या काल-५ वर्ष ९ मास १८ दिन, तप के दिन- ४ वर्ष ९ मास २६ दिन, पारणे के दिन-३५२ 3.खुड्डागसिंह निकीलियं (लघुसिंह निष्क्रीडित तप) एक परिपाटी-तपश्चर्या काल-६ मास ७ दिन, तप के दिन- ५ मास ४ दिन, पारणे के दिन- ३३ चार परिपाटी–तपश्चर्या काल- २ वर्ष २८ दिन, तप के दिन-१ वर्ष ८ मास १६ दिन, पारणे के दिन- १३२ 4. महासिंह निकीलियं | एक परिपाटी–तपश्चर्या काल- १ वर्ष ६मास १८ दिन, तप के दिन- १ वर्ष ४ माह १७ दिन, पारणे के दिन- ६१ चार परिपाटी–तपश्चर्या काल-६ वर्ष २ मास १२ दिन, तप के दिन- ५ वर्ष ६ मास ८ दिन, पारणे के दिन- २४४ 5. सतसतमिका भिक्खुपडिमा तप
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