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महर्धिकं प्रायेण द्वादशानामप्यंगानां तेन सूचनादिति तेन तत्परिकर्मितमतौ दशवर्षपर्याये व्याख्याप्रज्ञप्तिरुद्दिश्यते । - भाष्यकार
५. सुप्तिङन्तं पदम् ।
६. छच्चअद्ध-पलिओवमाई परमाउं पालइत्ता ।
७. द्वीन्द्रिय जीव- त्वचा और रसनेन्द्रिय वाले, त्रीन्द्रिय जीव त्वचा, रसना और नाक वाले। चतुरिन्द्रिय जीव त्वचा, रसना, नाक और आँख वाले । पंचेन्द्रिय जीव त्वचा, रसना, नाक, आँख और कान वाले ।
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