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अवबोध - २२
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स्थान पर अपने पैर टिका नहीं पाती, लड़खड़ाती हुई चलती रहती है।
लक्ष्मी नीच पुरुषों के पास जाती है। उसका उत्पत्ति-स्थल समुद्र है, पानी है। समुद्र-संगति के कारण लक्ष्मी का नीचे की ओर गति करने का स्वभाव है।
लक्ष्मी की विष के साथ समीपता है। दोनों एक ही स्थान समुद्र से उत्पन्न होते हैं। जैसे विष प्राणघातक होता है वैसे ही लक्ष्मी भी ज्ञान - चेतना को विनष्ट करने वाली होती है।
अर्थ-अर्जन के साथ-साथ उसका विसर्जन भी आवश्यक है। लक्ष्मी अनेक दोषों की जननी है।
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए मनुष्य को अनेक जघन्य प्रवृत्तियां करनी होती हैं।
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